बेरोजगार आंदोलन में हुई फंडिंग एवं पत्थरबाजी का मामला
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा बेरोजगार आंदोलन मे हुई फंडिंग एवं फंडिंग करने वालों/पत्थरबाजों पर रासुका लगाने को लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार से 3 अप्रैल 23 को आग्रह किया था। पुलिस मुख्यालय, उत्तराखंड द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को मामले की जांच के निर्देश दिए थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/ उपमहानिरीक्षक द्वारा 3 जुलाई 2023 के द्वारा पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिसमें मामले की विवेचना कर रहे विवेचक को मोर्चा की मांग पर कार्यवाही हेतु विशेष हिदायत दी गई है। नेगी ने कहा कि लगभग पांच माह पहले एसएसपी/डीआईजी, देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने दावा किया था कि बेरोजगार आंदोलन को कुछ कोचिंग सेंटर्स व राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं द्वारा किसी खास मकसद से फंडिंग की गई है, लेकिन कई माह बीतने के बाद भी पुलिस मामले में चुप्पी साधे हुई थी।
नेगी ने कहा कि फंडिंग मामले का पर्दाफाश होना देशहित में बहुत जरूरी है। अगर इसी प्रकार फंडिंग के माध्यम से आंदोलन हुए तो उत्तराखंड जैसे प्रदेश को जम्मू कश्मीर जैसा प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी। नेगी ने कहा कि फंडिंग के माध्यम से आंदोलन करने को उकसाने वाले व पत्थरबाजों के आकाओं/ साजिशकर्ताओं पर भी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए | मोर्चा को भरोसा है कि शीघ्र ही फंडिंगबाजों/ पत्थरबाजों पर कार्रवाई होगी | पत्रकार वार्ता में- विजय राम शर्मा व सुशील भारद्वाज मौजूद थे |