नेहरू कालोनी मे दिन दहाड़े डकैती डालने वाले 5 बदमाश गिरफ्तार – News Debate

नेहरू कालोनी मे दिन दहाड़े डकैती डालने वाले 5 बदमाश गिरफ्तार

देहरादून। पुलिस ने नेहरू कॉलोनी में दिनदहाड़े हुए डकैती का खुलासा करते हुए घटना मे शामिल 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया है।

गौरतलब है कि बीती 11 अप्रैल को संदीप अग्रवाल पुत्र विनोद अग्रवाल निवासी सी ब्लाक, नेहरू कॉलोनी आवास मे दोपहर करीब 12ः00 बजे चार अज्ञात बदमाशों द्वारा चाकू व तमंचे की नोक पर उनके घर में घुसे और परिजनों को आतंकित कर  सोने के जेवरात व नकदी लूट कर ले गए है।

दिनदहाडे हुई डकैती की घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस की 8 अलग-अलग टीमें गठित की गयी। टीम द्वारा सर्वप्रथम घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ कि एक एक्टिवा व एक अपाचे मोटरसाइकिल में सवार चार लोग वादी के घर के अंदर घुसे और उनके द्वारा शातिराना अंदाज में गाड़ियां दूर खड़ी कर घटना को अंजाम दिया गया। इसके अलावा एक आरोपी निगरानी के लिए घर के बाहर ही रुक गया। घटना को अंजाम देने के बाद 10 मिनट के पश्चात सभी अभियुक्त मोटरसाइकिल व एक्टिवा में फरार हो गए। सीसीटीवी फुटेजों से पता लगा कि वाहनों की नंबर प्लेट पर काली टेप चढ़ा था, जिस कारण वाहनों को ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल था।

टीम द्वारा घटना के सम्बन्ध में जनपद देहरादून, हरिद्वार तथा मुजफ्फरनगर के लगभग 450 सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया। पता लगा कि घटना से पूर्व कुछ लोगों द्वारा घर की भली-भांति रैकी की गई थी। सीसीटीवी फुटेज के अवलोकन से पुलिस को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के फोटोग्राफ प्राप्त हुए, जिनकी तलाश में पुलिस टीम द्वारा जनपद हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ, मुजफ्फरनगर ,दिल्ली इत्यादि स्थानों पर अपने गोपनीय सूत्रों से जानकारी की गई तो घटना में मुजफ्फरनगर के ग्राम पचेन्डाकला के बदमाशों के शामिल होने के गहन साक्ष्य मिले।

पुलिस टीम द्वारा घटना में सलिप्त 05 अभियुक्तों में से 04 अभियुक्तों विपिन, सचिन, विकास व अंकित को ग्रा0 पचेन्डाकला मुजफ्फरनगर तथा एक अन्य विकास जयसवाल को आईडीपीएल ऋषिकेश से गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से लूट का सारा बरामद किया गया।

पूछताछ में विपिन द्वारा बताया गया कि मैं देहरादून में अपने चचेरे भाई गुड्डू के पास अक्सर आता जाता रहता हूँ, जो सेंट एनिस स्कूल में काम करता है। स्कूल संदीप अग्रवाल का है। अपने चचेरे भाई से मैंने बातों-बातों में उसके मालिक के घर के बारे में काफी जानकारी जुटायी ली, क्योकि संदीप अग्रवाल एक नामी स्कूल चलाता है तथा वर्तमान में एडमिशन सीजन होने के कारण मुझे उसके घर पर लगभग 40 से 50 लाख रू0 तक मिलने की उम्मीद थी, इसलिये मैने उसके घर में डकैती डालने का प्लान बनाया था।

इस प्लान को अपने अन्य साथियों सचिन, अंकित तथा विकास को भी शामिल कर लिया । फिर हमने करीब 10 दिन पहले आकर घर की रेकी की, व उसके दो दिन बाद ही घटना करने आये थे, किन्तु उस दिन उनके घर के बाहर काफी मजदूर काम कर रहे थे, जिस कारण हम वापस चले गए।

10 अप्रैल को हम लोग एक्टिवा व अपाचे मोटर साइकिल से देहरादून आये पर उस दिन भी मौका न मिलने के कारण हम ऋषिकेश में हमारे गावं के रहने वाले विकास जयसवाल के पास चले गये, जो पहले दिल्ली रहता था,  और वर्तमान में ऋषिकेश क्षेत्र में किराये पर रहकर एक होटल चलाता है। विकास जयसवाल को हमने अपनी योजना के बारे में बताया तो वो भी हमारी इस योजना में शामिल हो गया।

विकास जयसवाल के कमरे में जगह कम होने के कारण मैं उसके कमरे में रुक गया व मेरे अन्य साथी विकास, सचिन और अंकित भानियावाला में काइट होटल में रुक गए। 11 अप्रैल को सुबह हम सब लोग प्लान के मुताबिक एक्टिवा व अपाचे बाइक में सीधे देहरादून नेहरु कॉलोनी एसबीआई वाली गली में स्थित उक्त घर में पहुंचे जिसके बारें में हमारे द्वारा पहले ही जानकारी जुटा ली गयी थी।

बाइक को घर से थोडी दूर एक पार्क के पास खड़ा किया व एक्टिवा सीधे घर के पास ले गए। विकास घर के बाहर रहा और हम चारों लोग घर में घुस गए व वहां मौजूद 2 महिलाओं, एक बुजुर्ग को हमारे पास मौजूूद तमंचे व चाकू से डराते हुए उन्हें बंधक बनाकर उनके पहने हुये जेवरात अंगूठी, कड़े व कान के टॉप्स तथा लगभग 6-7 हज़ार रूपये नगदी ले ली। उसके बाद हम घर पर अलमारी आदि चेक कर पाते इससे पहले ही उपरी मंजिल से एक महिला चिल्लाने लगी तो हम लोग डर कर वहां से भाग निकले।

उसके बाद हमने कैमरों से बचने के लिए अपने कपडे बदले और सीधे ऋषिकेश चले गए, जहाँ हमने विकास को छोड़ा व उसे उसके हिस्से की एक अंगूठी दी और बैराज घूमते हुए सीधे अपने गावं आ गए, जो पैसे हमने लूटे थे वो हमारे खाने पीने में खर्च हो गए। हम जेवरात बेचने मुज्जफरनगर गए थे किन्तु बिना बिल के किसी ने उन्हें नहीं खरीदा तो हम वापस घर जा रहे थे कि इस दौरान ही पुलिस ने हमे पकड लिया।

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