देहरादून। आचार संहिता के दौरान विवेकाधीन कोष के वितरण के खिलाफ यचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने याचिका कर्ता से 24 घंटे के भीतर आपत्तियों को दुरस्त करने को कहा है।
हाईकोर्ट ने मंगलवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व ऋषिकेश से वर्तमान विधायक प्रेमचन्द्र अग्रवाल द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से धनराशि निकालकर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से लोगों को बांटने के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई की। इस पर हाईकोर्ट रजिस्ट्री अनुभाग द्वारा कुछ आपत्तियां लगाई गई हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि वह 24 घण्टे के भीतर आपत्तियों को दुरस्त करें। सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई।
ऋषिकेश निवासी कनक धनई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि प्रेमचन्द्र अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया के दौरान विवेकाधीन राहत कोष से करीब पांच करोड़ रुपये निकाले। यह राशि कई लोगों को डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से बांटी। इसकी स्वीकृति विधानसभा सचिव द्वारा दी गई है। ये डिमांड ड्राफ्ट चार हजार नौ सौ पिच्हत्तर रुपये के बनाए गए हैं, जिनमें 3 फरवरी व 9 फरवरी की तिथि डाली गई है। याची ने डिमांड ड्राफ्ट को सबूतों के तौर पर अपनी याचिका में लगाया है। न्यायालय से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और मामला सही पाए जाने पर प्रेमचंद्र अग्रवाल का चुनाव प्रमाण पत्र निरस्त किया जाए। याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार, चुनाव आयोग भारत सरकार, राज्य चुनाव आयोग, स्पीकर विधानसभा भवन देहरादून, जिलाधिकारी देहरादून, एसडीएम ऋषिकेश, जिला कोषागार अधिकारी व प्रेमचन्द्र अग्रवाल को पक्षकार बनाया है।