आजादी के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर मे तिरंगे और संविधान के आधार पर चुनाव: धामी – News Debate

आजादी के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर मे तिरंगे और संविधान के आधार पर चुनाव: धामी

कांग्रेस के शहजादे आज कश्मीर आ पा रहे हैं तो इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को

दिल्ली। कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे विस चुनाव को लेकर राजनैतिक दल पूरी तरह से जुट गये है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को साम्बा, जम्मू-कश्मीर में भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया के पक्ष में आयोजित जनसभा को संबोधित किया।

साम्बा की जनता को संबोधित करते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि  साम्बा की धरती ने भारत मां की सेवा में कई वीर सपूतों को दिया है। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से भाजपा प्रत्याशी सुरजीत सिंह सलाथिया भारी बहुमत से विजयी होंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा का चुनाव जम्मू कश्मीर को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का चुनाव है।

धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के एक देश, एक विधान और एक निशान की कल्पना को साकार किया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में धारा 370 को समाप्त किया गया है। उन्होंने कहा कि जब-जब भाजपा ने धारा 370 समाप्त करने के लिए आवाज उठाई तो इसका विरोध हुआ। आखिरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने 05 अगस्त, 2019 को धारा 370 को समाप्त कर दिया। उन्होंने कहा कि धारा 370 समाप्त होने से पहले पत्थरबाज, आतंकवादी कश्मीर में हावी थे, लेकिन अब जम्मू कश्मीर के अंदर मिनिमम टेररिज्म और मैक्सिमम टूरिज्म हो गया है.

जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाएं पूरी तरह से बंद हो गई हैं। किसी में भी अब पत्थरबाजी करने की हिम्मत नहीं है। सीएम ने कहा यह विधानसभा का चुनाव बहुत ही ऐतिहासिक होने वाला है। आजादी के बाद पहली बार तिरंगे के नीचे और बाबा अंबेडकर के संविधान के आधार पर मतदान होगा। पहले कश्मीर में करीब 10 फीसदी ही मतदान होता था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में यह बढ़कर 58 फीसदी हो गया.

सीएम ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में तत्कालीन गृहमंत्री को कश्मीर में आने से डर लगता था, लेकिन कांग्रेस के शहजादे अगर आज कश्मीर के अंदर आ पा रहे हैं तो इसका श्रेय भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के लोग कहते हैं कि पाकिस्तान के साथ व्यापार और वार्ता शुरू कर देनी चाहिए. आतंकवादियों, अलगावादियों पत्थरबाजों को छोड़ देना चाहिए, लेकिन उनकी यह देश विरोधी सोच है।

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