छात्रो को दी संक्रामक रोगो से बचाव की जानकारी – News Debate

छात्रो को दी संक्रामक रोगो से बचाव की जानकारी

चिन्यालीसौड़। बिरजा इण्टर कॉलेज चिन्यालीसौड़ में विश्व मलेरिया दिवस पर आयोजित कार्यक्रम मे छात्रों को मलेरिया व कोविड से बचाव के टिप्स और जागरूकता के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर कंगारूस राष्ट्रीय स्तर की कला प्रतियोगिता में तृतीय स्थान पर रही राधिका रावत व चतुर्थ स्थान पर रहे प्रियांशु पैन्यूली को स्मृति चिन्ह व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। शिक्षकों व छात्रों ने मलेरिया को जड़ से मिटाने के लिये शपथ ली।

बिरजा इण्टर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम मे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ के डॉ. प्रवेश रांगड़ ने बताया कि मलेरिया एक प्रमुख वैक्टिरियाजनित बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों की एक प्रजाति मादा एनीफिलीज मच्छर के काटने से होती है। प्लासमोडियम परजीवी वेक्टर जीवित जीव होते है, जो संक्रामक रोगाणुओं को मानव से या पशुओं से मानव में फैलाते है। हालांकि कई सारे प्लाजमोडियम परजीवियों में से केवल पांच तरह के परजीवी इंसानों में मलेरिया फैलाते हैं। जिनमें से प्लाजमोडियम फाल्सीपेरम पूरी दुनिया भर में ज्यादातर होने वाली मौतों के लिए जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 की चौथी लहर की बात चल रही है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नही है। सुरक्षा व कोविड की गाइड लाइन के पालन की सख्ती के साथ पालन करने की जरूरत है।

इस मौके पर विशिष्ठ अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित व बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके पिथौरागढ़ के अजय ओली ने छात्रों को बाल श्रम, बाल भिक्षा, ड्रग लेस उत्तराखण्ड के साथ साथ कैरियर एवं मोटिवेशन के प्रति जागरूक रहने के टिप्स दिए व कहा कि जिस कार्य में उन्हें मजा आता है उसी में अपना भविष्य बनाये। इस मौके पर छात्र छात्राओं ने उनसे सवाल भी पूछे जिनका उन्होंने संतोष जनक उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य है कि वे बच्चों को नशे से दूर रखने के साथ ही समाज में भटके हुए बच्चों को मुख्यधारा में जोड़ कर शिक्षा के प्रति उनमें जागरूकता पैदा कर सकें। उन्होंने बच्चों से कहा कि वह खुद को पहचानें, अपने निर्णय खुद लें व अपनी पूरी ताकत के साथ नकारात्मकता को छोड सकारात्मकता के साथ अपने लक्ष्य के प्रति आगे बढ़े। अगर इन तीन चीजों पर ध्यान दिया जाय तो निश्चित ही वह जीवन में सफल होंगे। क्यों कि हमें समाज के बंधनों के बीच सामंजस्य बिठा कर कार्य करना होता है लेकिन अगर अपने मन की बात सुन कर कार्य करें व उस दिशा में आगे बढ़े तो समाज को नई दिशा दे सकते हैं।

इस अवसर पर कौसल कोठारी,राजेश केस्टवाल,शुशील उनियाल,अनिल नौटियाल,लता रेखा,कृष्णा सहित बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।

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