सरकार पर वन ग्रामों को उजाड़ने का आरोप,कांग्रेस का सांकेतिक उपवास – News Debate

सरकार पर वन ग्रामों को उजाड़ने का आरोप,कांग्रेस का सांकेतिक उपवास

देहरादून। भाजपा सरकार पर गोट, खत्ते और घुमंतु बसावतों को उजाड़ाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन कर गांधी पार्क मे एक घंटे का सांकेतिक उपवास रखा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कहा कि सरकारी भूमि में कई स्थानों पर वर्षों से बसे लोग खेती कर रहे हैं और उन्हें वहां शासन द्वारा बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल आदि की नागरिक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो परंपरागत रूप से वनों में ही गोट, खत्ते बनाकर रहते हैं और उन्हें वन विभाग द्वारा वनाश्रित मान कर जंगलों में लॉपिंग, चुगान आदि की अनुमति दी जाती है और ये घुमंतू रूप से अपने मवेशियों को लेकर भाबर, तराई और पहाड़ों में भी पशु चुगान के लिए पहुंचते हैं। इन लोगों का इतिहास 100 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। अब शासन द्वारा इन्हें गांव में बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें इनका सहयोग शासन को मिलता रहा है। भाबर और तराई के क्षेत्र में खाम भूमि, सिंचाई विभाग की भूमि जो विशेष तौर पर डैम क्षेत्रों के चारों तरफ है। यह राज्य निर्माण से भी काफी पहले समय से बसे हुए हैं। खत्ते, गोटों और पड़ाव में भी वर्षो से पर्वतीय क्षेत्रों के लोग आते रहे हैं तथा जंगलों पर आधारित कार्य से अपनी आजीविका चलाते रहे हैं। ये ऐसे क्षेत्रों में बसे हुए हैं जिन्हें वन भूमि तो कहा गया है, मगर वन (वृक्ष) नाममात्र के भी नहीं हैं। ऐसे बसने वाले लोगों में पर्वतीय क्षेत्रों के परंपरागत पशुपालक, भूमिहीन शिल्पकार, भूतपूर्व सैनिक आदि सम्मिलित हैं। इसी प्रकार नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, टिहरी आदि के कई क्षेत्रों में गांधी ग्राम, हरी ग्राम, इंद्रा ग्राम बसाए गए हैं, ये भी बेनाप भूमि व वन भूमि में काबिज़ हैं।
उन्होंने कहा कि शासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर इन सभी लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं या किए जाने की चर्चाएं हैं और कुछ स्थानों पर अतिक्रमण हटाए भी जा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि सभी वर्गीकृत बसावतों के विषय में उदार व्यवहार अपनाते हुए इन बसासतों को नियमित करने, राजस्व ग्राम का दर्जा देने और घुमंतू लोगों को भूमि आवंटन कर बसाने के विषय में नीतिगत निर्णय लिया जाए और इनकी आजीविका व आवासों को संरक्षण दिया जाए। रामनगर सिंचाई विभाग को आदेश दिए जाएं कि वो तत्काल ध्वस्तिकरण की कार्रवाई को रोकें। इस संधर्भ में मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन के माध्यम से भेजा गया।
इस अवसर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, महिला उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, शीशपाल सिंह बिष्ट, गरिमा दसौनी, मनीष नागपाल, नजमा खान, महेंद्र सिंह नेगी गुरुजी, मदन लाल, शिवानी थपलियाल, सुशील राठी, चंद्रकला नेगी, विनोद कुमार, मनमोहन शर्मा, ओमप्रकाश सती बब्बन, गुल मोहम्मद, शांति रावत, सुमित्रा ध्यानी, बाबू बेग, आशा टम्टा, लष्मी अग्रवाल, नीनू सहगल, श्याम सिंह चौहान, वीरेंद्र पोखरियाल, राजेश परमार, कमल रावत,पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी, महिला उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, लक्ष्मी अग्रवाल ,शीशपाल सिंह बिष्ट, गरिमा दसौनी, मनीष नागपाल, नजमा खान, महेंद्र सिंह नेगी गुरुजी, मदन लाल, शिवानी थपलियाल, सुशील राठी, चंद्रकला नेगी, विनोद कुमार, मनमोहन शर्मा, ओमप्रकाश सती बब्बन, गुल मोहम्मद, शांति रावत, सुमित्रा ध्यानी, बाबू बेग, आशा टम्टा, लष्मी अग्रवाल, नीनू सहगल, श्याम सिंह चौहान, वीरेंद्र पोखरियाल, राजेश परमार, कमल रावत, टीटू त्यागी, टिका राम पांडेय, सुजाता पॉल, शरीफ बेग, जमाल अहमद, पूरण रावत, राजकुमार जैसवाल, लाखी राम बिजल्वाण, राजेश चमोली, नूर हसन, शकील मंसूरी आदि सैकड़ो की संख्या में मौन उपवास में लोग उपस्थित रहे।

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