देहरादून। पर्यटन के विभिन्न आयामों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखण्ड और गोवा राज्य मिलकर कार्य करेंगे। दोनो राज्य पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त कार्य योजना के आधार पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तथा पर्यटन सुविधाओं के विकास में दोनों राज्यों के मध्य यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
इस संबंध में मंगलवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन पर सचिव पर्यटन उत्तराखण्ड सरकार सचिन कुर्वे तथा गोवा के पर्यटन निदेशक श्री सुनील अचिंपका द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी आज गोवा से देहरादून की पहली डायरेक्ट उड़ान को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया इस सीधी उड़ान सेवा का लाभ दोनों राज्यों के नागरिक भी उठा सकेंगे जिससे दोनों राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेवलपिंग टूरिज्म इन मिशन मोड की बात कही थी। आज का यह एमओयू दोनों राज्यों के लिए इस दिशा में एक और कदम होगा। गोवा तथा देहरादून के बीच यह सीधी उड़ान दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा के लिए प्रेरित करेगी। सागर से हिमालय के दर्शन का अवसर पर्यटकों को मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस एमओयू के पश्चात दोनों राज्यों को पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ एक दूसरे राज्यों समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड तथा गोवा दोनों ही पर्यटन प्रधान छोटे राज्य हैं दोनों राज्य आपसी समन्वय से इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं तथा समस्याओं का निवारण भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की चार धाम यात्रा ऐतिहासिक रही थी इस वर्ष भी यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा और अधिक लोग आएंगे अभी तक 15 लाख लोग चार धाम यात्रा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। आज पहाड़ में रेल का सपना पूरा हो रहा है। राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग क एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है।
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने भी गोवा एवं उत्तराखंड बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगा। उन्होंने कहा गोवा में विभिन्न तरह के पर्यटन स्थलों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। गोवा की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन है। गोवा में 35 से अधिक रोजगार पर्यटन से पैदा होते हैं। बीते सालों में लगातार पर्यटन बड़ा है परंतु कोविड काल के बाद पर्यटकों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। उन्होंने कहा गोवा सरकार ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के विजन पर कार्य कर रही है। हमारे राज्य आपसी समन्वय के साथ अपने क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। आज गोवा सन, सेंड एवं सी के सिद्धांत से भी आगे बढ़ गया हैं। हम साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्म पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य कर रहे।
खौंटे ने कहा कि उत्तराखण्ड और गोवा सरकार मिलकर पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन एवं मार्गदर्शन में सभी राज्य आपस में मिलकर कार्य करें, उसी का नतीजा आज का यह कार्यक्रम है। गोवा एवं देहरादून के बीच सीधी फ्लाइट चलने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा हमने इतिहास को संवार कर अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया है।
समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिये गोवा से उत्तराखण्ड के लिये एक से अधिक सीधी उडान कनेक्टिविटी सुविधा पर ध्यान देने, गोवा एवं उत्तराखण्ड की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को परिचित कराने के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान के कार्यक्रमों, रोड शो, आपसी पर्वों के आयोजन, स्थानीय व्यंजनों, लोक संस्कृति हस्त शिल्पों को प्रदर्शित करने के अवसर पैदा करने के प्रयास किये जायेंगे।
विभिन्न पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पैकेजों के अन्वेषण पर दोनों पक्ष पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र की बेस्ट प्रेक्टिस को भी साझा करेंगे।
साहसिक पर्यटन गतिविधियों में दोनों राज्य प्रमुख साहसिक गतिविधियों जैसे वाटर स्पोर्ट्स एयरो स्पोर्ट्स और भूमि आधारित गतिविधियाँ जिन्हें संयुक्त रूप से विकसित और बढ़ावा दिया जायेगा। साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए राज्य निजी क्षेत्र एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जायेगा। पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, स्कीइंग आदि भूमि आधारित गतिविधियां माउंटेन बाइकिंग ट्रेकिंग/ हाइकिंग, सभी टेरेना मोटर बाइकिंग, बजी गाडेस्टिनेशन जैसे टिहरी नैनीताल बौर जला उत्तराखंड में नानकमत्ता और अन्य जल निकाय क्षेत्रों में सम्भावनायें तलासी जायेगी। इन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स पावर्ड हैंग ग्लाइडर शामिल वाटर स्पोर्ट्स पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग ना चलाना व्हाइट वाटर राफ्टिंग जेट बोट्सवर जेट्स वॉट्स, फ्लाई बोर्डिंग, वॉटर गोवा के जल क्रीड़ा के साथ-साथ जल क्रीड़ाओं के लिए संयुक्त रूप से विकसित और प्रचारित किये जाने पर भी ध्यान दिया जायेगा।
इको टूरिज्म के क्षेत्र में दोनों राज्यों में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव है अभयारण्य जिन्हें इकोटूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जा सकता है आध्यात्मिक पर्यटन उत्तराखंड कई महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे चार धाम यात्रा का घर है कि गांव में कई प्राचीन पर्य और मंदिर हैं। दोनों राज्य संयुक्त रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए रणनीति के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं जिसे संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है। वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और योग के क्षेत्र में बडी संभावनायें हैं, जबकि गोवा में कई स्पा और वेलनेस रिसॉर्ट है जिन्हें संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
इसी प्रकार विरासत पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड और गोवा दोनों का औपनिवेशिक इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थान है, जिसके लिए संयुक्त प्रचार रणनीति पर काम किया जा सकता है। मानव संसाधन विकास, दोनों पक्ष मिलकर काम करेंगे और पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने की दिशा में भी सहयोगी बनेंगे।
इस अवसर पर अध्यक्ष होटल एसोशिएशन सुनील साहनी के साथ गोवा एवं उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्यटन व्यवसायी एवं उद्यमी मौजूद थे।