देहरादून। प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में दाखिले 25 प्रतिशत है जो कि नाकाफी है। जनता संघर्ष मोर्चा और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कोटा बढाकर गरीब वर्ग को राहत दी जा सकती है।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने के मिशन के तहत निजी विद्यालयों आदि में एडमिशन का कोटा 25 फ़ीसदी निर्धारित कर रखा है, जोकि वर्तमान हालात के हिसाब से बहुत कम है। नेगी ने कहा कि अधिकांश सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा एवं लचर व्यवस्था के चलते जनता ने इन सरकारी विद्यालयों से मुंह मोड़ लिया है तथा एक गरीब मजदूर तथा साधनविहीन व्यक्ति भी इन विद्यालयों में अपने बच्चों को नहीं पढ़ाना चाहते। आलम यह है कि अधिकांश विद्यालयों में अध्यापक नहीं है तथा जहां अध्यापक हैं उनको अन्य इतनी जिम्मेदारियां दे रखी हैं कि उनको छात्रों को पढ़ाने का समय ही नहीं मिल पाता है। नेगी ने कहा कि गरीब मां-बाप का भी सपना होता है कि अपने बच्चों को अच्छे विद्यालय में पढ़ाएं तथा अच्छी शिक्षा हासिल कराएं, लेकिन अपनी माली हालत की वजह से अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते। उन्होंने माँग की कि तत्काल एडमिशन कोटा बढ़ाकर अन्य गरीबों को भी इसका लाभ दिया जाय। पत्रकार वार्ता में अमित जैन व सुशील भारद्वाज भी मौजूद थे।