देहरादून। उत्तराखंड के लिए आज का दिन खास रहा। मधुर गीतों से उतराखंड की रीति रिवाज और संस्कृति के ध्वजवाहक रहे गढ रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी को आज संगीत नाटक पुरस्कार से नवाजा गया। कभी खुदेड़ गीतों से झकझोरने, तो कभी उत्तराखण्ड आंदोलन में गीतों के माध्यम से अगुवाई या पहाड़ और पलायन के दर्द को गीतों के माध्यम से उकेरने वाले नेगी दा आज जन जन की आवाज़ बन चुके हैं। सही मायनो मे नेगी दा ने पहाड़ को जिया भी और भोगा भी इसलिए आज वह पहाड़ की आवाज के रूप में जाने जाते हैं। उतराखंड सहित देश के हर कोने से लेकर सात समुन्दर पार और खाड़ी से लेकर यूरोपीय देशों से भी नेगी दा को प्रवासियों का खासा प्यार मिलता रहा। समय समय पर उन्होंने गीतों के माध्यम से सरकारी व्यवस्था पर भी तंज कसा। पहाड़ के रग और रंग में बसे उनके गीत और करोड़ों दिलोंं पर राज करने वाले नेगी दा के सामने हर पुरस्कार बौना ही साबित होता हैं।
गीतों में पहाड़ का हर रंग घोलने वाले लोकप्रिय गायक नरेंद्र सिंह नेगी के साथ लेखक दीवान सिंह बजेली का भी सम्मान हुआ। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दोनों को दिल्ली के विज्ञान भवन में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। दिल्ली के विज्ञान भवन में देशभर की 44 हस्तियों के साथ लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को भी प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड में लोक संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2018 के पुरस्कार के लिए चुना गया था।
नरेंद्र सिंह नेगी 12 अप्रैल को दिल्ली के मंडी हाउस में लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगे. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।