… तो हरदा ने पुत्र का अंगूठा छीनकर बना दिया “एकलव्य”?  – News Debate

… तो हरदा ने पुत्र का अंगूठा छीनकर बना दिया “एकलव्य”? 

देहरादून। कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत को लेकर एक बार फिर उनके सुपुत्र और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे आनंद रावत ने सीएम पुष्कर धामी और खुद मे समानता के बावजूद गुरुकुल मे मिली शिक्षा व्यवस्था और गुरु के आशीर्वाद मे फर्क बताया है।

अपनी फेस बुक पोस्ट मे उन्होंने कहा की धामी के गुरु (भगत सिंह कोशियारी) के शिष्य आज अर्जुन की भूमिका मे हैं तो उनके राजनैतिक गुरु (हरीश रावत) ने उन्हे एकलव्य बना दिया। आनंद रावत ने राज्य के विकास योजनाओ मे विजन को लेकर भी पिता और खुद मे अंतर बताया है।

“ धाकड धामी की धमक ने धड़कायी धुरंधरों की धमनिया “

ये अनुप्रास अलंकार धामी जी को शुक्रिया कहने के लिए है । मैं और पुष्कर धामी जी मित्र नहीं है, उनके ग़लत फ़ैसलों का मैं कटु आलोचना भी करता हूँ, जैसे अंकिता भण्डारी हत्याकांड के संदर्भ में उनका जाँच प्रक्रिया से पहले रिज़ॉर्ट पर योगी आदित्यनाथ स्टाइल में बुल्डोज़र चलाने के आदेश के ख़िलाफ़ मैंने एक तीखा लेख लिखा की “ नक़ल के लिए भी अक़्ल चाहिए “ ।

ख़ैर, मेरे और पुष्कर धामी जी में कई समानताए है, जैसे हम दोनों की राजनीतिक शुरुआत युवा राजनीति के फलक से हुई । मैं 2011 में युवा कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर और पुष्कर धामी जी 2012 में विधायक के तौर पर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य पर आए । हम दोनो की जन्मतिथि भी आसपास की है, बस एक बुनियादी फ़र्क़, विचारधारा के अलावा, उनके गुरु द्रोणाचार्य ( कोश्यारी जी ) ने उनको अर्जुन की भाँति तराशा और कदम-कदम पर आशीर्वाद दिया, और मेर गुरु ( हरीश रावत जी ) ने एकलव्य की भाँति हर निर्णायक मोड़ पर मेरा अँगूठा माँग लिया ?

मैं भी पक्का एकलव्य के गुण लेकर पैदा हुआ हूँ । 2022 में जब नयी विधानसभा शपथ ले रही थी, तब मैंने भी अपने गुरु के चरणो की शपथ ली की सरकार से राज्यहित में निर्वाचित विधायकों से अधिक कार्य करवाऊँगा ?

07 मई को मैंने एक लेख लिखा जिसमें मैंने “ येड़ा “ शब्द का प्रयोग करते हुए प्रदेश के नेताओं को सुझाव दिया था कि “ दक्ष और कुशल “ मतलब ITI और POLYTECHNIC पास युवाओं के लिए विदेशों में भी नौकरी के स्वर्णिम अवसर तलाशने चाहिए । धाकड धामी ने मेरे लेख का संज्ञान लेते हुए “ विदेश रोज़गार प्रकोष्ठ “ का गठन करते हुए बजटीय प्रावधान कर दिया ।

पिताजी की ककड़ी, काफल, व आम पार्टी पर कटाक्ष का उद्देश्य परम्परागत अनाजों के व्यावसायिक लाभ हेतु GI TAG ( Geographical Indication ) के महत्व पर प्रकाश डालना था, जिस पर धामी सरकार ने 11 परम्परागत अनाजों के GI TAG के लिए आवेदन किया है ।

14 अगस्त को मैंने पहाड़ों से पलायन रोकने हेतु सरकार को सुझाव दिया था की कुमाऊँ की सोमेश्वर और लोहाघाट तहसील में सुख सुविधा से लैस नए शहर बसाए, जिसे धाकड धामी ने स्वीकारते हुए अगले 5 वर्ष में 5 नए शहर बनाने का संकल्प लिया ।

देवभूमि उत्तराखंड की ताक़त यहाँ के लोगों की नैसर्गिक समझ, झुझारूपन और लीक से कुछ अलग हटकर करने की सोच है । उड़ीसा राज्य ने केवल अपने “ ह्यूमन रीसोर्स “ पर काम किया और “ सैंड आर्ट “ और “ चाँदी मार्केट “ जैसे यूनीक आईडीया से पर्यटकों का पसंदीदा राज्य बन गया है ।

उड़ीसा की राजनीति की धुरी रहे, बीजू पटनायक जी केवल 5 साल मुख्यमंत्री रहे, उन्होंने कभी भी अपने बेटे नवीन पटनायक जी का समर्थन नहीं किया लेकिन नवीन पटनायक जी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले 25 वर्षों से निरन्तर विकास की नयी इबारत गढ़ रही है ।

पुनः धाकड धामी का शुक्रिया ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *