देहरादून। निर्देशों के बाद भी प्रभारी कुलसचिव के मूल तैनाती स्थल मे ज्वाइन न करने से विवि और शासन के बीच तल्खियाँ बढ़ने लगी है।
शासन ने आयुर्वेदिक विवि मे प्रभारी कुलसचिव राजेश कुमार अदाना को मूल तैनाती स्थल पर ज्वाइन करने के लिए रिमाइंडर भेजा है। अपर सचिव राजेन्द्र सिंह की ओर से कुलपति आयुर्वेदिक विवि को भेजे पत्र मे कहा गया है कि 25 जनवरी तथा 24 मई सहित अन्य पत्रों मे डॉ अदाना को मूल तैनाती स्थल राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रणाकोट पौड़ी गढ़वाल मे ज्वाइन करने के लिए कार्यमुक्त करने के निर्देश दिये गए है, लेकिन विवि द्वारा शासकीय निर्देशों की अवहेलना कर उनसे प्रभारी कुलसचिव का कार्य कराया जा रहा है। यह उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि अधिनियम 2009 की धारा 16(1) के अनुरूप नही है। उन्होंने आदाना को तत्काल उनके मूल कार्य स्थल के लिए कार्यमुक्त कर शासन को अवगत कराने को कहा है।
गौरतलब है कि शासन स्तर से आयुर्वेद, यूंनानी और होम्योपैथी मे शासन स्तर से संबद्धता समाप्त करने के निर्देश भी पूर्व मे जारी किये गए थे। वही राजेश कुमार अदाना की संबद्धता 24 मई को सचिव चंद्रेश कुमार द्वारा जारी पत्र के जरिए भी समाप्त करने के निर्देश भी जारी किये गए है। लेकिन वह अपने मूल विभाग मे नही लौटे। हालांकि आदाना के 25 जनवरी के बाद वेतन भत्ते पर रोक के लिए वित्त अधिकारी को भी निर्देशित किया गया था।
विवि मे नियुक्तियों सहित अन्य मामलों मे विजिलेंस जांच चल रही है। इसमे कुलपति सहित कुलसचिव भी शामिल है। शासन के आदेश और उन पर अमल न होने पर एक के बाद एक रिमाइंडर चर्चा का विषय बने हुए है।