देहरादून। अंकिता हत्याकांड मे एफआईआर दर्ज करने और अंकिता के पिता को टहलाने के बाद अवकाश पर गए पटवारी वैभव प्रताप को प्रशासन ने निलंबित कर दिया है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर वैभव प्रताप की भूमिका की जांच उप जिलाधिकारी यमकेश्वर द्वारा की जा रही थी। उप जिलाधिकारी द्वारा की गयी जांच मे सामने आया की अंकिता 18 सितम्बर को लापता हो गयी थी और उसके पिता 19 सितम्बर को एफआईआर लिखाने पटवारी वैभव प्रताप के पास पहुंचे थे। उन्होंने कुछ नही किया और 20 सितम्बर को वह 4 दिन का अवकाश स्वीकृत कराकर चले गए। निलंबित समय तक वह थैलीसैण तहसील मे संबद्ध रहेंगे।
वैभव प्रताप पूर्व मे भी विवादित रहा है और उस पर आरोप भी साबित हो चुके है, लेकिन कोई बड़ी कार्यवाही उस पर नही हो पायी। बताया जाता है कि पटवारी को हरिद्वार के एक बड़े राजनैतिक सख्शियत का हाथ माना जाता है। इसके अलावा वैभव प्रताप पर खनन गतिविधियों मे संलिप्तता के आरोप रहे है। अंकिता मामले मे उनके व्यवहार और अचानक अवकाश पर जाने को लेकर उनकी भूमिका संदेह के दायरे मे रही है। विपक्ष भी उनकी भूमिका को लेकर लगतार सवाल उठाता रहा है। कहा जा रहा है की उसके होटल मे आना जाना रहा था।