देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती परीक्षा और विधान सभा की नियुक्तियो मे हुई गड़बड़ियों के खिलाफ आज कांग्रेस ने विधान सभा के सम्मुख प्रदर्शन कर धरना दिया। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा की भर्तियो मे भाजपा की चोरी रंगे हाथों पकड़ी गयी है और भाजपा फिर भी गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का स्पष्ट स्टैंड है कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की देख रेख मे मामले की सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पुख्ता कर दिया है कि घपला हुआ है। उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के साथ भाजपा उन नेताओ को पदच्युत करे जिन्होंने अपने सगे सम्बन्धियों को सिफारिस के आधार पर चयनित कराया।
उन्होंने कहा की शिफारिशी नेताओं को प्रदेश के यूवाओ और युवतियों से सर्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए और सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेना चाहिए। इस मौक़े पर पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक राजेन्द्र भंडारी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
कारनामें भूल कर उपदेशक बन गयी कांग्रेस:चौहान
दूसरी ओर भाजपा ने भर्तियों के मामले मे कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन को छद्म आडम्बर बताते हुए कहा कि कांग्रेस अपने कारनामो को भूलकर उपदेशक बन गयी है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि
नैतिकता की दुहाई देने वाली कांग्रेस की नैतिकता तब कहा गयी,जब उत्तराखंड अराजकता की चपेट मे था और कई विभागो मे घोटालों तथा खुद सीएम के स्टिंग को देश ने देखा। यहां तक की विस मे नियुक्तियों पर हो हल्ला मचाने वाली कांग्रेस को अपने कार्यकाल मे हुए घपले को जायज ठहराते भी लोग देख रहे है। पूर्व सीएम हरदा कैमरे पर उत्तराखंड को लूटने का लाइसेंस देते रंगे हाथ पकड़े गए हों वह अब दूसरों पर रंगे हाथ पकड़े जाने का झूठा आरोप लगा रहे हैं ।
चौहान ने आरोप लगाया कि स्वयं सरकार में रहते विधानसभा नियुक्ति में घपले का रिकॉर्ड बनाने वाले कांग्रेसी बड़े गुरुर से उसी विधानसभा के बाहर राजनैतिक ड्रामा कर रहे है ।
चौहान ने कहा कि अब जब सीएम पुष्कर धामी ने UKSSSC नियुक्ति प्रकरण पर कड़ी कार्यवाही की तरह विधानसभा वाले मसले पर भी अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को पत्र लिखकर जांच करने का अनुरोध किया है तो कांग्रेस अपनी राजनैतिक छीछालेदारी से बचने के लिए आंदोलन का ढोंग कर रहे है । उन्होंने आरोप लगाया, दरअसल पेपर लीक मामले में एसटीएफ की सटीक और निर्णायक कार्यवाही से जनता में धामी सरकार के प्रति बढ़ा हुआ विश्वास कांग्रेस को हजम नही हो रहा है । उस पर अब उन्हें डर सत्ता रहा है कि विधानसभा नियुक्ति प्रकरण में भी उच्च स्तरीय जांच हुई तो उनके द्वारा कुंजवाल कार्यकाल में भर्ती सभी चहेते बाहर हो जाएंगे और भाजपा की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की साख जन जन में और गहरी हो जाएगी । इसलिए जिन्होंने कभी भी अपने किसी भी कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कि अब वही कांग्रेस आंदोलन का स्वांग रचाकर, जांच के बाद होने वाली फजीहत को कम करने की असफल कोशिश में जुटी है ।
चौहान ने हरदा पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें आरोप लगाने से पहले धरने पर साथ में ही बैठे अपने प्रदेशाध्यक्ष करण माहरा के बयान को भी गौर से सुनना चाहिए जिसमे उन्होंने सीएम धामी के विधानसभा नियुक्ति में जांच के अनुरोध की प्रशंसा की है ।