देहरादून। पॉलिटेक्निक कॉलेजों के कर्मियों के वार्षिक स्थानांतरण में चहेतो को मनचाही पोस्टिंग और लाभ पहुचाने के लिए कोटिकरण निर्धारण में मनचाहे परिवर्तन कर दिया गया। कोटिकरण में श्रीनगर तथा पौड़ी को दुर्गम दर्शाया गया है।
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने तकनीकी सचिव रविनाथ रमन से मुलाकात कर पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों के वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत चिन्हित/ निर्धारित सुगम- दुर्गम क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण को लेकर ज्ञापन सौंपा। रमन ने मामले में परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
नेगी ने कहा कि लोक सेवकों हेतु वार्षिक स्थानांतरण नीति के तहत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेजों एवं प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के कार्मिकों के कोटिकरण में अव्यवहारिक परिवर्तन किया गया है, जो किसी भी दृष्टि से व्यवहारिक नहीं है। जनपद पौड़ी मे (नगर पालिका कोटद्वार एवं भाबर क्षेत्र को छोड़कर) दुर्गम क्षेत्र दर्शाया गया है,जबकि श्रीनगर (पौड़ी) में मेडिकल कॉलेज, एनआईटी, सेंटर यूनिवर्सिटी एवं पॉलिटेक्निक निदेशालय नेशनल हाईवे पर स्थित हैं तथा पौड़ी में गढ़वाल कमिश्नरी एवं इंजीनियरिंग कॉलेज है, लेकिन इसको दुर्गम दर्शाया गया है। इसी प्रकार जनपद नैनीताल में उच्च न्यायालय, कुमाऊं कमिश्नरी, कुमाऊं यूनिवर्सिटी आदि विद्यमान हैं, लेकिन इनको भी दुर्गम दर्शाया गया है। जनपद अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज व जिला मुख्यालय स्थित है, लेकिन इसको भी दुर्गम दर्शाया गया है और इसी कड़ी में जनपद टिहरी मुख्यालय को दुर्गम एवं नरेंद्रनगर टिहरी, जहां पर पांच सितारा होटल मौजूद है, उसको दुर्गम दर्शाया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि वर्ष 2018 में इनमें से कई क्षेत्रों को सुगम दर्शाया गया था। अधिकारियों द्वारा अपने खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्रकार का अव्यवहारिक निर्धारण किया जाता रहा है। नेगी ने कहा कि इस प्रकार के अव्यवहारिक निर्धारण से सिफारिश विहीन कार्मिक निश्चित तौर पर पिसता जा रहा है।