देहरादून। यमुना प्रदूषण मुक्ति जन अभियान की टीम आज प्रातः यमुनोत्री के लिए रवाना हो गई ।
अभियान के संयोजक सौरभ चतुर्वेदी ने बताया कि इस अभियान में मथुरा व उत्तराखंड से एक दर्जन से भी अधिक कार्यकर्ता भागीदारी कर रहे हैं।
यह यात्रा 18 मई को मथुरा से देहरादून होते हुए यमुनोत्री पहुँचने के बाद कालसी, तिलाड़ी, पॉन्टा साहिब, यमुना नगर, करनाल, पानीपत, बागपत, गाजियाबाद, दिल्ली और फरीदाबाद होते हुए वृंदावन के रास्ते 23 मई को मथुरा वापसी करेगी। इस यात्रा के दौरान तिलाड़ी शहीद स्मारक बड़कोट पर शहीदों को श्रद्धांजलि तथा यमुना में डुबो दिए गए लोहारी गांव के निवासियों से भी मुलाकात की जाएगी। उन्होंने बताया कि यमुना किनारे बसे लोगों के जीवन पर यमुना के बदलते स्वरूप का जायजा लिया जाएगा और यमुना के जल की गुणवत्ता जाँचने के लिए अलग-अलग स्थानों से यमुना-जल का नमूना लिया जाएगा।
उत्तराखंड से यात्रा में शामिल महिला एकता मंच ललिता रावत ने कहा कि पिछले 30 वर्ष में सरकारें 7 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च कर चुकी है इसके बाद भी देश की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक यमुना आज दुनिया की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक बनी हुई है।
वन पंचायत संघर्ष मोर्चा के गोपाल लोदियाल ने कहा कि इस प्रदूषित नदी से 5 करोड़ से भी अधिक लोगों का जीवन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित होता है, इसलिए हर चुनाव से पहले विभिन्न पार्टियों के नेता यमुना को स्वच्छ बनाने के वायदे करते हैं, सरकारें हजारों करोड़ रुपए खर्च करती हैं लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं होता। 18 मई को देर शाम गीता भवन पहुंची अभियान के सदस्यों से आर एन मल्ल, सुदर्शन जुयाल, आशुतोष तथा बिपिन चंद्र आदि ने अभियान को समर्थन दिया।