नेहा बिष्ट कुलाधिपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित
दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव: मुर्मू
पंतनगर (दीपा तिवारी) पंतनगर विश्वविद्यालय में आयोजित 35वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 1041 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की। इस अवसर पर नेहा बिष्ट को सर्वोत्तम स्नातक होने के नाते कुलाधिपति के स्वर्ण पदक से सम्मानित करने के अतिरिक्त 11 विद्यार्थियों को कुलपति के स्वर्ण पदक प्रदान किये गये, जिनमें पारखी श्रीवास्तव, हर्षित पांडे, श्रेया जैन, रितिक गोयल, भानु लोहानी, अमृता शुक्ला, पल्लवी ठुकराल, दीपशिखा चैधरी, मल्लिका त्रिपाठी, चित्रा परिहार एवं योगिता मारकाना सम्मिलित थे। कुलपति के रजत पदक 11 विद्यार्थियों को दिये गये, जिनमें अभिषेक कुमार सैनी, अंकित शर्मा, आकाश रावत, आरुषि भारद्वाज, सौम्या उप्रेती, आकाश बृजवासी, अंजलि कुकरेती, प्रेरणा पखावाल, मेघना सरकार, वैशाली श्री एवं वैभवी बर्थवाल सम्मलित थे तथा कुलपति के कांस्य पदक 10 विद्यार्थियों को दिये गये, जिनमें आकांक्षा सैनी, अंजलि पांडे, स्तुति उपाध्याय, महक महर, आशुतोष चटर्जी, जिज्ञासा नायक, तमन्ना बर्तवाल, कामाक्षी कांडपाल, हर्षिता पांडे एवं मयंक बारडोला सम्मिलित थे। इसके अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रेरणा पखवाल को सरस्वती पांडा अवार्ड, ज्योत्सना फर्तियाल को श्रीमती नागम्मा शांता बाई अवार्ड, मल्लिका त्रिपाठी को डा. राम षिरोमणि तिवारी अवार्ड एवं चैधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभा पुरस्कार तथा मेघना सरकार को चैधरी चरण सिंह स्मृति प्रतिभाग पुरस्कार, संजय कुमार राठौर को पूरण आनन्द अदलखा अवार्ड से, विवेक नेगी एवं डा. हिमानी पंत को भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पन्त अवार्ड से सम्मानित किया गया।
प्रशासनिक भवन स्थित दीक्षांत प्रांगण में आयोजित इस समारोह में अति विषिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, ले. जनरल गुरमीत सिंह तथा विषेष अतिथि के रूप में रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं कृषि मंत्री माननीय गणेष जोशी भी मौजूद थे।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि विवि के 35वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों और प्राध्यापकों को बधाई दीं। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के लिए जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है जहां इस दिन विद्यार्थियों के परिवार के सदस्य एवं शिक्षक गर्व का अनुभव करते हैं। उन्होंने बताया कि देश का प्रथम विवि शुरूआत से ही कृषि, अनुसंधान, प्रसार के लिए उत्कृष्टता का केन्द्र बना हुआ है। पन्तनगर विष्वविद्यालय का बीज ‘पन्तनगर बीज’ के नाम से विश्व में विख्यात है और कृषि क्षेत्र जुड़े किसान आंख बंद कर विश्वास करते है। उन्होंने बताया कि विष्वविद्यालय विभिन्न फसलों, फलों और सब्जियों के कुल 346 उन्नत किस्मों को प्रस्तुत किया है और दो नस्लों का विकास किया हैै। इस वर्ष दलहनी फसलों में विष्वविद्यालय द्वारा 7 प्रजातियां विकसित की गयी है। प्रजातियों का निरंतर विकास कृषि विकास के लिए आवष्यक है। विवि को तीन बार सरदार पटेल उत्कृष्ट कृषि संस्थान अवार्ड से सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि विष्वविद्यालय पुस्तकालय में 4 लाख 50 हजार से अधिक पुस्तकें उपलब्ध है और विद्यार्थियों को पुस्तकें खरीदनी नहीं पड़ती तथा उन्हीं पुस्तकों से विद्यार्थियों का अध्ययन-अध्यापन हो जाता है। अध्ययन-अध्यापन डिजिटल रूप में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि क्लाइमेंट और मृदा की समस्याओं से निपटने के लिए विष्व प्राकृतिक एवं जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण विष्व इस वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मना रहा है। उत्तराखण्ड मोटे अनाज के उत्पादन में अग्रणी राज्य है। विष्वविद्यालय द्वारा कृषि में छिड़काव हेतु ड्रोन का निर्माण किया गया है जो कुछ क्षणों में कई हैक्टेयर भूमि में छिड़काव कर सकता है। इससे किसानों के समय की बचत होगी। इस उपलब्धि के लिए विष्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं को बधाई दी।
माननीय कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि हरित क्रांति जननी, भूमि में माननीय राष्ट्रपति जी की उपस्थिति से न केवल इस विष्वविद्यालय का, बल्कि पूरे उत्तराखण्ड का मान बढ़ा है और उनकी उपस्थिति से, इस दीक्षांत समारोह में दीक्षा प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा को एक ऐसा हौसला और मार्गदर्षन मिलेगा, जो इनके पूरे जीवन को आलोकित करेगा। पंतनगर विष्वविद्यालय जो वर्ष 1960 मे उत्तर प्रदेश कृषि विवि के रूप में स्थापित किया गया। इसके उपरांत वर्ष 1972 में विवि का नाम महान स्वतंत्रता सेनानी, भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत जी की स्मृति में गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय किया गया। स्वर्गीय पंत जी ने इस विवि के निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दिया था, ये उनकी दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज यह विवि देश व विदेश में प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में विख्यात है। देश में हरित क्रांति लाने में पन्तनगर विवि का विशेष योगदान रहा है, जिसके फलस्वरूप हमारा देश फूड ग्रेन उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भर बना है, बल्कि आज हम कृषि उपज के प्रमुख निर्यातकों में से एक हैं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह में उपाधि पाने में हमारी बेटियों की संख्या अधिक है। उन्होंने बताया कि हमारी बेटियों हर क्षेत्र में देश एवं विदेशों में सर्वोच्च पदों पर असीन है। उत्तराखण्ड में कृषि के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुयी है।
कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान ने विवि द्वारा शिक्षण, शोध व प्रसार के क्षेत्रों में पिछले एक वर्ष में प्राप्त की गयी उपलब्धियों को प्रस्तुत किया। उन्होंने विष्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि लैण्ड ग्रान्ट पैटर्न की तर्ज पर अमेरिका के इलिनोय विष्वविद्यालय की सहायता से स्थापित पन्तनगर विष्वविद्यालय ने हरित क्रांति के द्वारा देष में खाद्य सुरक्षा सुनिष्चित करने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके लिए नोबल पुरस्कार विजेता डा. नारमन ई. बोरलाॅग द्वारा हरित क्रांति की जन्म स्थाली के रूम में अलंकृत किया गया।