सख्त हिदायत के बाद कोर्ट ने पूर्व में दिए तहसीलदार के खिलाफ निलंबन आदेश लिया वापस
नैनीताल। हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने के आरोप में कोर्ट के निर्देश पर जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर की ओर से निलंबित तहसीलदार काशीपुर ने शनिवार को हाईकोर्ट में पेश होकर अपनी गलती के लिए क्षमा याचना कर कोर्ट को शपथ पत्र देकर बताया कि याचिकाकर्ता को ओबीसी प्रमाण पत्र दे दिया है। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें सख्त हिदायत देते हुए पूर्व में उन्हें निलंबित करने के आदेश को रिकॉल कर दिया।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार काशीपुर निवासी मोहम्मद इमरान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह तेली समाज का व्यक्ति है। इस जाति को राज्य सरकार द्वारा ओबीसी जाति के रूप में मान्यता दी है और उसने 1994 के अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक ओबीसी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जिसे तहसीलदार की ओर से खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए हाईकोर्ट से एक आदेश प्राप्त करना होगा। जैसा कि 6 अगस्त 2021 को एक याचिका में उसके बड़े भाई ने प्राप्त किया था। हाईकोर्ट ने तहसीलदार काशीपुर के इस निर्णय को न्यायिक धारणा के खिलाफ मानते हुए याचिकाकर्ता को तुरंत 2021 में मोहम्मद रिजवान बनाम उत्तराखंड सरकार में दिए निर्देशों के अनुसार ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए थे। साथ ही जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर को तहसीलदार काशीपुर के खिलाफ प्रशासनिक कार्यवाही कर 7 मई को रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। शनिवार को जिलाधिकारी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश हुई। साथ ही तहसीलदार काशीपुर भी कोर्ट के समक्ष पेश हुई और उन्होंने कोर्ट से लिखित में मांफी मांगी। जिस पर कोर्ट ने उनकी मांफी स्वीकार कर याचिका निस्तारित कर दी।