लैंसडाउन के पास गिरी कार, 4 की मौत, कोटद्वार और हल्द्वानी मे बाढ़ जैसे हालात – News Debate

लैंसडाउन के पास गिरी कार, 4 की मौत, कोटद्वार और हल्द्वानी मे बाढ़ जैसे हालात

देहरादून। मंगलवार को प्रदेश के पहाड़ी जिलों मे हुई बारिश ने कहर बरपाया और कोटद्वार तथा हल्द्वानी मे बाढ़ जैसे हालत हो गए। उत्तरकाशी रोड और लैंसडाउन के पास हुए सड़क हादसों मे 6 लोगों की मौत हो गयी।

लैंसडाउन के पास गुमखाल से देवडाली जा रही कार खाई मे गिर गयी जिसमे 4 लोगों की मौत हो गयी।  तत्काल स्थानीय पुलिस व SDRF टीम ने वाहन में सवार चारों व्यक्तियों खाई से बाहर निकाला। बताया जाता है कि सभी लोग गुमखाल से घर जा रहे थे। मृतकों में चन्द्रमोहन सिंह (उम्र-62 वर्ष) बिष्ट पुत्र गंगा सिंह, दिनेश सिंह (उम्र-63 वर्ष) पुत्र बिशन सिंह, अतुल बिष्ट (उम्र-40 वर्ष) पुत्र चंद्रमोहन, कमल बिष्ट (उम्र-45 वर्ष) पुत्र कन्हैया सिंह। गुमखाल सारी मार्ग की हालत खराब होना हादसे की वजह बताई जा रही है।

कोटद्वार मे बाढ़ जैसे हालात, मालन मे आस्थायी रास्ता बहा

भारी बारिश से कोटद्वार भाबर क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर आ गयी। पनियाली गदेरे के उफान से गबर सिंह कैंप और कौड़िया के घरों में गदेरे का पानी घुस गया। लोग मूसलाधार बारिश में घरों से निकलकर छत पर आ गए। घर में करीब दो फीट तक भरे मलबे में लोगों का सारा सामान खराब हो गया है। वहीं, करीब आठ घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण करीब 200 घरों में पानी घुसा है। दो कारों के भी बहकर शहर में आई हैं। पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर लोगोें को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए खोह नदी और पनियाली गदेरे के किनारे से घरों को खाली कराया।

वहीं मालन नदी का जलस्तर बढ़ने से यहां बनाया गया 300 मीटर स्पान का ह्यूमपाइप कॉजवे डूब गया और 12 मजदूर फंस गए जिन्हें देर शाम लोनिवि और स्थानीय पुलिस ने जेसीबी की मदद से निकाल लिया। वहीं पनियाली समेत सभी नदी-नाले उफान होने से लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए।

हल्द्वानी मे जलभराव, नहरे हुई ओवरफ्लो

हल्द्वानी मे भी बरिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया है। गौला बैराज मे जल स्तर बढ़ गया तो नहरे भी ओवरफ्लो हो गयी और शहर मे घरों मे जल भराव की स्थिति आ गयी। रात मे प्रशासन ने 250 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया। घरों मे पानी आने से लोग छतों मे चले या घर छोड़कर चले गए। गौला बैराज मे पानी अधिक बढ़ने के कारण सभी गेट खोल दिये गए। हालांकि इससे ग्रामीण क्षेत्रों मे बाढ़ का खतरा बढ़ गया।

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