देहरादून। जननायक स्वर्गीय श्री देव सुमन की पुण्यतिथि पर देवभूमि महासभा द्वारा आयोजित पुष्पांजलि कार्यक्रम में महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष प्रमोद कपरवान शास्त्री ने कहा कि उत्तराखंड की धरती त्याग तपस्या और बलिदान की धरती है। राजशाही के अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद करने वाले अमर वीर शहीद श्री देव सुमन के योगदान को कभी नही भुलाया जा सकता है।
उन्होंने कहा लगातार 84 दिन राजशाही के खिलाफ टिहरी जेल में आंदोलन करने वाले अमर शहीद श्री देव सुमन के बलिदान को आने वाली पीढ़ी सदैव याद रखेगी। बहुत से जन आंदोलनों में भाग लेकर के अपने जीवन का अधिकांश समय जेल की सलाखों में बिताने वाले ऐसे महापुरुष जिनका जन्म सामान्य परिवार में टिहरी जिले में हुआ। हमारा कर्तव्य है कि उन वीरों के पद चिन्हों पर चलते हुए उनके विचारों का अनुसरण करें। इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य राजेंद्र सेमवाल ने कहा कि श्री देव सुमन जी का जीवन संघर्षों भरा रहा। प्रारंभिक शिक्षा से ही सुमन अनेक बिषयों पर कार्य करते रहे और पत्रकारिता में भी उन्होंने कार्य किया। कम समय में ही उन्होंने अपनी किताब हिमाचल नाम से लिखी थी।
देवभूमि महासभा के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व प्रधानाचार्य मूर्ति राम बिजलवाण ने भी श्री देव सुमन पर आधारित कविता से उनके जीवन का वृतांत सुनाया। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उपस्थित अनेक पदाधिकारियों व गणमान्य लोगों द्वारा अपने बिचार व्यक्त किए इस अवसर पर देवभूमि महासभा के प्रवक्ता देवी दयाल, प्रदेश सचिव प्रदेश सचिव अनुराग कुकरेती, सुनील थपलियाल, सत्य ईश्वर भट्ट, माहेश्वरी राणा उर्मिला मैठाणी गीता चौहान पूर्णा देवी मुन्नी देवी सुनील नौटियाल आचार्य नरेश आनंद नौटियाल गोपाल सिंह गढ़िया भगवती प्रसाद शास्त्री आचार्य केपी कपरूवान सुरेंद्र सिंह रावत रणवीर सिंह नेगी प्रताप सिंह चौहान मनवीर सिंह नेगी आदि कई लोग उपस्थित थे।