पुरोला मे धारा 144 लागू, महापंचायत पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार – News Debate

पुरोला मे धारा 144 लागू, महापंचायत पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

देहरादून/उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत पर पुलिस की सख्ती के बाद पुरोला नगर क्षेत्र में जिला प्रशासन ने आज 14 जून से लेकर 19 जून तक  धारा 144 लागू कर दी है। एसडीएम पुरोला देवानंद शर्मा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि धारा 144 का सख्ती से पालन होगा। स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार को साफ कह दिया था कि ऐसी किसी गतिविधि की इजाजत कतई नहीं दी जाएगी। शहर में कुछ दिन पहले एक नाबालिग लड़की का अपहरण की कोशिश के बाद अन्य स्थानों मे भी ऐसी घटनाएं सामने आयी। प्रशासन की सख्ती के बाद  ग्राम प्रधान का संगठन बैकफुट पर आ गया, लेकिन अब विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल जैसे हिंदुवादी संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने कहा कि हम लव जिहाद के खिलाफ पुरोला में महापंचायत करेंगे। उसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की दुकानों के शटर पर पोस्टर चिपके नजर आये जिनमें उन्हें तत्काल शहर से चले जाने की धमकी दी गयी थी।

उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए एहतियात के तौर पर प्रादेशिक सशस्त्र बल ;पीएसी की एक टुकड़ी तैनात की गयी है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार पुलिस ने शहर के मुख्य बाजार इलाके में फ्लैग मार्च किया और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाये रखने में सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और प्रभावशाली लोगों से सहयोग मांगा। जिला पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सजग और सतर्क है। वहीं डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी आवश्यक कदम हैं, उन्हें उठाए जा रहे हैं। किसी को भी शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी कानून का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

महापंचायत के खिलाफ याचिका पर सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट का इनकार

उत्तरकाशी (पुरोला) में 15 जून को बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया और इस पर तल्ख टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मसला है। आप सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि आपको प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है ? आपको क्यों लगता है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में हाइकोर्ट जाने की सलाह दी। इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया। महापंचायत पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सीजेआई को पत्र याचिका भेजी थी।

लव जिहाद जैसे मामलों से प्रदेश का शांत माहौल बिगाड़ने वालों पर कार्यवाही जायज: भट्ट

भाजपा ने लव जिहाद जैसे प्रकरणों से प्रदेश का माहौल खराब करने वालों पर हो रही कार्रवाही को जायज ठहराया है । प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने इन तमाम मुद्दों पर प्रस्तावित सभी तरह की पंचायतों के आयोजन की जरूरत से इनकार करते हुए समाज मे जागरूकता फैलाने पर बल दिया है ।

पार्टी मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष ने पत्रकारों के सवालों का जबाब देते हुए कहा कि जब से प्रदेश में कठोरतम धर्मांतरण कानून आया है तब से लव जिहाद जैसे प्रकरण बड़े पैमाने पर सामने आ रहे हैं । हम ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों को किसी समुदाय विशेष से नहीं जोड़ते हैं। लेकिन यह ऐसे लोग हैं  जिनकी अपने समुदायों में भी स्वीकार्यता नहीं है। पार्टी का स्पष्ट मत है कि जिस भी समुदाय के लोग इस तरीके की घटनाओं को अंजाम देकर राज्य की शांति व्यवस्था और देवभूमि की छवि बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।

भट्ट ने इन मुद्दों से जुड़ी सभी पंचायतों को लेकर भी स्पष्ट किया कि पार्टी नहीं चाहती इस तरह की कोई भी पंचायतें हो । उन्होंने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर इस पूरे मुद्दे पर बेहतर कार्य कर रही है, लेकिन पुलिस प्रशासन की भी एक सीमाएं होती है । उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यह विषय कानून व्यवस्था के साथ ही सामाजिक भी है लिहाज़ा इन पंचायतों से जुड़े लोगों, संस्थाओं एवं आंदोलन से जुड़े समाज के विभिन्न वर्गों को ऐसे अपराधों को लेकर समाज और अपने आसपास जागरूकता फैलाने की जरूरत है । ताकि इस तरह की घटनाओं पर स्थायी रूप से रोक लग सके ।

उन्होंने सभी लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि सरकार शांति, सुरक्षा और सौहार्द स्थापित करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। फिलहाल प्रशासन की सख्ती से उत्तरकाशी में स्थिति बेहतर हुई है और ऐसे में आम जनता को भी जागरूकता एवं जिम्मेदारी के साथ आगे आना चाहिए ताकि जो लोग ऐसे प्रकरणों में लिप्त हैं उनको कानूनी तरीके से सजा दिलाई जा सके ।

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