बेरोजगार संघ और कांग्रेस के सवालों पर आयोग का दावा, सुचितापूर्ण हुई परीक्षा – News Debate

बेरोजगार संघ और कांग्रेस के सवालों पर आयोग का दावा, सुचितापूर्ण हुई परीक्षा

देहरादून। कनिष्ठ सहायक परीक्षा को लेकर बेरोजगार संघ और
कांग्रेस ने फिर सवाल खड़े किये है। कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि आयोग की परीक्षा पेपर में गड़बड़ी हुई है, लेकिन प्रदेश सरकार बाज नहीं आ रही है। हालांकि आयोग ने दावों को भ्रामक बताया है।
माहरा ने आरोप लगाया कि परीक्षा में प्रश्न पत्र के जो 4 सेट आते हैं, उन सभी चारों सेट में प्रश्नों का क्रम एक समान ही निकले थे। माहरा ने कहा पूर्व में भी इनके गोपन के अधिकारी गड़बड़ी मामले में पकड़े जा चुके हैं। वहीं, जो छात्र नकल को रोकने का प्रयास कर रहे थे, उनके ऊपर लाठीचार्ज करवाया गया। लेकिन आज तक उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इतने लोग इनके पकड़े गए, लेकिन सरकार अब भी बाज नहीं आ रही है।

दूसरी ओर बेरोजगार संघ ने परीक्षा को लेकर आरोप लगाए है।  संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार एक परीक्षा के अलग-अलग पेपर सेट होने के बावजूदभी प्रश्न नम्बर 01 से लेकर 100 तक के प्रश्न समान क्रम में थे साथ ही उन्हीं प्रश्नों के उत्तरों की श्रृंखला भी 01 से लेकर 100 तक समान थी। जिससे कि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किई विशेष व्यक्तियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस प्रकार की निति अपनाई गई। साथ ही कई जगहों पर सील टूटे होने के साक्ष्य भी मिले हैं। एवं कई अभ्यर्थियों के पेपर में सील तक नहीं थी। साथ ही एक अभ्यर्थी ने फोन करके सूचना दी की उसके आगे वाली सीट पर बैठे अभ्यर्थी की ओएमआर की छायाप्रति भी गायब थी। साथ ही कई अभ्यर्थियों के प्रश्न पुस्तिका क्रमांक तथा उत्तर पुस्तिका क्रमांक अलग अलग थे जो कि हमेशा समान होते हैं। उत्तराखंड बेरोजगार संघ का कहना है कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सचिव और समस्त स्टाफ को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा चाहिए जो एक भी परीक्षा पारदर्शी रुप से नहीं करा पाए। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी जी को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए जो जांच करवाने की बजाय आभार रैलियों में स्कूल के बच्चों को भीड़ का हिस्सा बना रहे हैं।

सुचितापूर्ण संपन्न हुई परीक्षा:आयोग

5 मार्च को हुई ‘कनिष्ठ सहायक परीक्षा के पेपर सेट पर बेरोजगार संघ और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के आरोपों का लोक सेवा आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने खंडन किया है। सचिव का कहना है कि परीक्षा के उपरान्त् विभिन्न माध्यमों से प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर प्रसारित हो रही सूचनाएं पूर्णतः भ्रामक, निराधार व असत्य हैं।

आयोग की ओर से जारी बयान  कहा गया कि प्रश्नपत्रों की सभी सीरीज में प्रश्नों का क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं हुई है। संपूर्ण प्रदेश में परीक्षा पूर्णतः शुचितापूर्ण व निर्विघ्न ढंग से प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में संपन्न हुई है। परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षा केन्द्र पर आयोग को परीक्षा संबंधी अनियमितता अथवा नकल संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।

“कनिष्ठ सहायक परीक्षा- 2022 वस्तुनिष्ठ प्रकार की परीक्षा दिनांक 05 मार्च, 2023 (रविवार) को पूर्वाहन 11:00 बजे से अपराह्न 01:00 बजे तक राज्य के 13 जनपदों में कुल 412 परीक्षा केन्द्रों पर सकुशल शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। उक्त परीक्षा में कुल पंजीकृत 1,45,239 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 1,14,052 अभ्यर्थी उपस्थित हुए। इस प्रकार कुल उपस्थिति 78.50% रही।

प्रश्नगत परीक्षा में सामान्य ज्ञान / सामान्य अध्ययन और सामान्य हिन्दी के एकल प्रश्नपत्र में कुल 100 प्रश्न एवं समयावधि 2 घंटे थी। परीक्षा समाप्ति के उपरान्त आयोग के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि उक्त प्रश्नपत्र के सभी सीरीज यथा A, B, C, D में प्रश्नों का क्रमांक भिन्न-भिन्न न होकर एक समान था। प्रश्नों के क्रम की जानकारी परीक्षा सकुशल समाप्ति के उपरान्त प्राप्त हुई है।

अतः इस संबंध में आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रश्नपत्रों की सभी सीरीज में प्रश्नों का क्रमांक एक समान होने से परीक्षा की शुचिता किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं हुई है। संपूर्ण प्रदेश में परीक्षा पूर्णतः शुचितापूर्ण व निर्विघ्न ढंग से प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में संपन्न हुई है।

परीक्षा के दौरान किसी भी परीक्षा केन्द्र पर आयोग को परीक्षा संबंधी अनियमितता अथवा नकल संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। परीक्षा के उपरान्त् विभिन्न माध्यमों से प्रश्नपत्र की सीरीज को आधार बनाकर प्रसारित हो रही सूचनाएं पूर्णतः भ्रामक, निराधार व असत्य हैं।

बेबुनियाद आरोप और दुष्प्रचार का सहारा ले रही कांग्रेस: चौहान

भाजपा ने लोक सेवा आयोग द्वारा कराई गयी कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा पर कांग्रेस के सवालों को बेबुनियाद और भ्रम फैलाने वाला करार दिया है।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस अब पारदर्शी परीक्षा और नकल कानून के बाद बौखला गयी है। इसलिए वह प्रतियोगी परीक्षाओं के मुद्दे पर राजनीति और सवाल खड़ा करना जरूरी मान रही है। चौहान ने कहा कि परीक्षा को लेकर कांग्रेस के आरोपों मे दम नही है।
चौहान ने कहा कि लोक सेवा आयोग भी परीक्षा को लेकर किसी भी तरह की भ्रांति का पटाक्षेप कर चुका है। उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र के सेट A, B, C, D में प्रश्नो का क्रमांक भिन्न भिन्न न होकर एक समान था। प्रश्नो का क्रमांक भी एक समान होने से परीक्षा की सुचिता पर किसी तरह का असर नही पड़ा। जब प्रश्न पत्र की सीरीज और प्रश्न के क्रमांक मे कोई अंतर नही है तो कांग्रेस जैसे जिम्मेदार दल का परीक्षा पर सवाल खड़ा करना नव युवकों के मनोबल के साथ खिलवाड़ करना है। भर्ती परीक्षाओं में जब पेपर लीक हुआ था तो चारो सेट के प्रश्न के क्रम अलग थे।आज एक क्रम में प्रश्न हैँ तब भी लीक नहीं हुआ। आयोग की यही उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नकल विहीन परीक्षा हजम नही हो पा रही है। कांग्रेस नहीं चाह रही की युवाओं को पारदर्शी परीक्षा सिस्टम मिले। इसीलिए अब जब धामी सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून बना कर पारदर्शी परीक्षा सिस्टम तैयार कर दिया है, तो कांग्रेस को इसमें भी परेशानी हो रही है। राज्य में किसी भी सेंटर में न नकल और न ही पेपर लीक का कोई मामला सामने आया है। यही कांग्रेस की असल परेशानी है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस नकल का राग अलाप रही है। जबकि इसी कांग्रेस की राजस्थान में सरकार है, जो लगातार राजस्थान में परीक्षाओं में नकल को बढ़ावा देकर युवाओं के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है। यदि कांग्रेस नकल विहीन परीक्षा को लेकर इतनी ही गंभीर है, तो क्यों राजस्थान में उत्तराखंड का सख्त नकल विरोधी कानून लागू नहीं किया जा रहा है। जबकि गुजरात, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्य धामी सरकार के सख्त नकल विरोधी कानून को अपना रहे हैं।
राज्य मे देश का सबसे अधिक सख्त नकल कानून अस्तित्व मे है और इससे युवाओं के अलावा आम जन मे भी पारदर्शी परीक्षा को लेकर उत्साह है। धामी सरकार ने काल खंड के बजाय सभी परीक्षाओ की जांच की है और आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजा और यही कांग्रेस की परेशानी की वजह है।

 

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