3.28 करोड़ वंचितों को वरदान साबित हुई आयुष्मान योजना

देहरादून। केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर जनता से संवाद स्थापित करने के लिए भाजपा द्धारा मनाये जा रहे सामाजिक न्याय पखवाड़े की उत्तराखंड में भी शुरुआत हो गयी है । देश भर में जिला स्तर पर आयोजित किए जा रहे इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि अकेले आयुष्मान भारत योजना से ही लगभग 18 करोड़ से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड जारी कर उनके स्वास्थ्य की ज़िम्मेदारी सरकार ने उठाई है। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में संचालित जिन दर्जनों बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं ने देशवासियों की सेहत में जबरदस्त सुधार किया, उनको लेकर आम लोगों से संवाद स्थापित करने की दिशा में यह पहला कदम है ।
मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि देशवासियों के स्वास्थ्य विशेषकर गरीबों व वंचितों के लिए आयुष्मान भारत योजना वरदान साबित हो रही है । प्रति परिवार 5 लाख तक की मुफ्त इलाज की इस योजना में अब तक जिन 17.90 करोड़ लोगों को कार्ड मुहैया करवाया गया है उनमे से 3.28 करोड़ लोग इस योजना का लाभ विपत्ति में उठा भी चुके हैं । 23 सितंबर 2018 में शुरू हुई इस योजना को सरल और सुगम बनाने के लिए वेबसाइट mera.pmjay।gov.in और टोल फ्री नंबर 1800111565 भी जारी किया गया है | चौहान ने बताया कि 27,300 निजी व सरकारी अस्पताल के सहयोग से संचालित इस योजना से जुडने वालों में महिलाओं की संख्या 46.7 प्रतिशत है ।

आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन – स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होने वाली आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लिए इसी वर्ष 26 फरवरी को भारत सरकार ने 1600 करोड़ की मंजूरी दी है, जिसके तहत अभी तक 21 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बनाए गए हैं । जिससे डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड तैयार होगा और इसी आधार पर आगे सरकार बेहतर स्वास्थ्य योजनाओं को तैयार करेगी ।
आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन लॉंच – 25 अक्तूबर 2021 से शुरू की गयी इस योजना से अब तक 1.5 लाख वेलनेस सेंटर खोले जा चुके हैं | जिला स्तर पर ICU, VENTILATOR, OXYGN आदि की सुविधा बेहतर की जा रही है ।
जन औषधि केन्द्रों में सस्ती दवाओं से अब तक गरीबों के कुल 13000 करोड़ रुपए की बचत – 9 मार्च 2022 तक की गई है। देश में मौजूद 8694 जन औषधि केन्द्रों की संख्या 2025 तक 10500 की जाएगी ।
कोरोना काल में वरदान साबित हुई ई संजीविनी –  राष्ट्रीय टेली मेडिसन सेवा ई संजीविनी से अब तक प्रतिदिन 1,10 लाख रोगियों के औसत से जनवरी 22 तक कुल 2.17 करोड़ लोगों को टेलीकंसल्टेशन दिया गया है ।
स्वास्थ्य सुविधाओं में रिकॉर्ड सुधार – देश में एम्स की संख्या 2014 के 6 से बढ़कर 21 हो गयी है, 2014 के मेडिकल कॉलेजों की संख्या 381 से बढ़कर आज 48 फीसदी वृद्धि के साथ 565 हो गयी है |
कोरोना महामारी से बचाव व टीकाकरण में दुनिया के लिए मिसाल बना भारत – दुनिया में सबसे अधिक तेजी से कोरोना को कंट्रोल करने में भारत सबसे आगे रहा व अब तक रिकॉर्ड 185 करोड़ टीके देशवासियों को लगाए जा चुके हैं ।
ऑक्सीज़न एक्स्प्रेस के जरिये अस्पतालों को ऑक्सीज़न आपूर्ति सुचारु कर जान बचाने का कार्य किया |
मेडिकल उपकरणों की कीमतों पर लगाम – 1 अप्रैल 2022 से सिरिंज, डिजिटल थर्मामीटर, स्टेट डायलेसिस मशीन जैसी तमाम मेडिकल डिवाइस को ड्रग्स श्रेणी में लाकर इनकी कीमतों पर नियंत्रण किया ।
इसी तरह मिशन इन्द्रधनुष से सभी बच्चों के सम्पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करना, सुरक्षित मातृत्व के लिए मातृत्व अवकाश 26 हफ्ते व प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना संचालित करना, 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य के लिए कार्य करना, मलेरिया मुक्त भारत योजना लॉंच करना, घर बैठे मरीज के लिए डॉक्टर अपोइंमेंट के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सुविधा शुरू करना, फिट इंडिया मूवमेंट व योग से निरोगी काया बनाने पर कार्य करना व स्वछ भारत अभियान से लोगों को बीमारियों से दूर रखने जैसी अनेकों केंद्र सरकार की योजनाओं की सफलता ने देश को स्वस्थ्य बनाया है।

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