राजिस्ट्रार सहित 4 चिकित्साधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, चलेगा अनुशासन का चाबुक – News Debate

राजिस्ट्रार सहित 4 चिकित्साधिकारियों को कारण बताओ नोटिस, चलेगा अनुशासन का चाबुक

देहरादून। उतराखंड आयुर्वेदिक विवि मे मूल विभाग मे वापसी न करने वाले 4 चिकित्साधिकारियों को शासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमे विवि के राजिस्ट्रार राजेश कुमार अदाना भी है। जिन चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है उनमे डॉ राजेश कुमार अदाना, सुवेकशील कुलश्रेष्ठ, डॉ विवेक वर्मा तथा डॉ सतीश कुमार सिंह हैं।

उप सचिव गजेंद्र सिंह कफलिया द्वारा जारी नोटिस मे चारों चिकित्साधिकारियों से हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन मे शासन द्वारा 23 दिसंबर के निर्देश का अनुपालन न करने का कारण पूछा है। इसके साथ ही एक सप्ताह के भीतर शासकीय आदेशों की अवहेलना पर विभागीय कार्यवाही क्यों न करने के लिए कारण पूछा है। शासन ने जारी पत्र मे कहा है कि आयुर्वेदिक अधिकारियों की नियुक्ति प्रदाता शासन है और नियुक्ति प्रदाता अधिकारी के निर्देश का पालन बाध्यकारी है।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने जब प्रतिनियुक्ति पर चल रहे अधिकारियों को 24 घण्टे मे मूल तैनाती स्थल पर जाने को कहा तो 5 अधिकारी कार्य पर नही लौटे। मूल तैनाती स्थल पर जाने से बचने के लिए चिकित्सकों की सीएम से गुजारिश पर भी बात नही बनी। हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शासन ने वीसी को पत्र भेजकर उन्हें कार्यमुक्त करने को कहा है।

आयुर्वेदिक विवि मे प्रतिनियुक्ति पर चल रहे आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों की संवद्धता विभाग द्वारा विगत वर्ष 25 जनवरी को समाप्त कर दी गयी थी, लेकिन चिकित्साधिकारी अपने मूल विभाग मे नही लौटे। बाद मे इन अधिकारियों का वेतन रोक दिया गया तो अधिकारी वेतन जारी करने को लेकर हाई कोर्ट चले गए थे। अदालत ने शासन को नियुक्ति प्रदाता मानते हुए उन्हें मूल विभाग मे ज्वाइन करने के निर्देश दिये।

22 चिकित्साधिकारियों मे 17 अपनी मूल तैनाती पर लौट गए, लेकिन राजिस्ट्रार राजेश कुमार अदाना सहित 5 अधिकारियों ने ज्वाइन नही किया। कुलपति ने उन्हें कुछ समय कार्यमुक्त करने मे समय देने की मांग करते हुए सीएम को पत्र लिखा था। इसमे उन्होंने शैक्षिक सत्र 2022-23 की सशर्त मान्यता के लिए 5 चिकित्साधिकारियों को यथावत बनाये रखने की मांग की। शासन ने विवि के पूर्व मे दिये पत्र के हवाले से कहा की विवि मे रिक्त पदों पर अधिकांश नियमित पद भरे गए है। अवशेष पदों पर संविदा और वॉक इन इंटरव्यू से भरे जाने की अनुमति भी दी जा चुकी है। बताया जाता है कि 5 अधिकारियों मे से एक कार्यमुक्त होकर मूल तैनाती स्थल पर चले गए है।

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