बैक डोर नियुक्तियों पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, माहरा बोले विचलन से हुई नियुक्तियां – News Debate

बैक डोर नियुक्तियों पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, माहरा बोले विचलन से हुई नियुक्तियां

देहरादून। कांग्रेस ने विधान सभा मे हुई बैक डोर भर्तियों को लेकर फिर सरकार को घेरा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि कोर्ट मे विधान सभा अध्यक्ष के द्वारा दिये गए शपथ पत्र मे मुख्यमंत्री और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल खड़े हैं। सरकार और पूर्व विधान सभा अध्यक्ष को मामले मे स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नियुक्तियों को लेकर शासन मे गहरी आपत्ति दर्ज की गयी थी, लेकिन सीएम के द्वारा विशेष अधिकार का प्रयोग करते हैं विचलन के माध्यम से नियुक्तियों के निर्देश दिये। इसके लिए गैरसैण सत्र का बहाना भी बनाया गया, लेकिन एक भी कर्मचारी गैरसैण नही गया और कोर्ट ने भी इस पर नाराजगी जयायी। उन्होंने कहा कि कोटिया कमेटी की शिफ़ारिशे जनता के सामने आनी चाहिए। कोटिया कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मे राज्य गठन से लेकर अब तक हुई नियुक्तियों को अवैध बताया तो 228 नियुक्तियों को छोड़कर पूर्व मे हुई नियुक्तियों पर सरकार चुप क्यों है।

सरकार की मंशा साफ, पूर्व मे मिली स्वीकृति का अध्ययन करे कांग्रेस: भट्ट

 

भाजपा ने कहा कि विधान सभा मे नियुक्तियों के संबंध मे कांग्रेस के द्वारा उठाये सवालो का अब कोई मतलब नही है। सीएम की मंशा शुरू से ही साफ है और इसी के चलते विधान सभा मे हुई नियुक्तियों की गहन जाँच हुई। अवैध नियुक्तियां निरस्त की जा चुकी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि महज विधान सभा की नियुक्ति नही, बल्कि जहाँ भी गड़बड़ है वहाँ पर पूरी पारदर्शिता से जाँच और कार्यवाही की जा रही है। जहां तक नियुक्तियों के बारे मे सीएम के निर्देश का सवाल है तो
वर्ष 2005-07 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री एन डी तिवारी तथा
वर्ष 2016 में भी मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विधान सभा में पदों को स्वीकृत किया था। सयोंगवश तब राज्य मे कांग्रेस नीत सरकार थी। कांग्रेस को खुद का अवलोकन करने की जरूरत है।
सरकार पदों की स्वीकृति देती है और भर्ती विधान सभा का अधिकार है।विधान सभा पदों की स्वीकृति माँगती है तो पदों को सरकार स्वीकृति देती है।भर्ती कैसे करनी है यह सरकार तय नहीं करती है। भर्ती की अनियमितता की शिकायत आने के बाद मुख्यमंत्री ने स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही हेतु विधान सभा अध्यक्ष को पत्र लिखा।जाँच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने पर कि अनियमित तरीक़े से भर्ती हुई है उनको निरस्त करने की स्वीकृति भी प्रदान की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए भर्तियों कराने का ज़िम्मा लोक सेवा आयोग को सौंपा है। भर्ती के भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं।उनकी अवैध सम्पत्तियों को नष्ट और ज़ब्त किया जा रहा है। कांग्रेस को तथ्य की सही परख करने की जरूरत है और आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से उसे कुछ हासिल नही होने वाला।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *