देहरादून। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के खिलाफ सरकार की सुप्रीम कोर्ट में दो साल पहले दाखिल की गयी एसएलपी को सरकार ने वापस न लेने का फैसला किया है।
गृह विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट मे एडवोकेट वंशजा शुक्ला को प्रेषित पत्र मे कहा गया है कि 26 सितम्बर को एसएलपी वापसी के संबंध मे दिये पत्र को जनहित मे निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। अर्थात पूर्व मे दायर रिट का अस्तित्व बरकरार रहेगा। यह रिट पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में दायर की गयी थी और वापसी की अर्जी पर 22 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इस मामले की सुनवाई जस्टिस एमआर शाह और एम एम सुंदरेश की पीठ को करनी थी। फैसले से त्रिवेंद्र सिंह रावत को राहत मिली है।
भाजपा एकजुट और पूर्व सीएम के साथ खड़ी: भट्ट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी के सम्मानित और वरिष्ठ नेता है लिहाजा कांग्रेस को किसी मामले मे अन्यथा नही लेना चाहिए।
भट्ट ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट से कोई एसएलपी वापस नही ली गयी है। हालांकि यह मामला मुख्यमंत्री और सरकार से संबंधित होने के कारण इस पर अधिकृत जानकारी सरकार ही दे सकती है। उन्होंने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि किसी भी जानकारी के पुख्ता होने से पहले कांग्रेस तिल का ताड़ बनाने और दुष्प्रचार से बाज आये।