लैंसडौन । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गुलामी के प्रतीकों के नाम बदलने की घोषणा और रक्षा मंत्रालय द्वारा मांगे गए सुझाव पर छावनी परिषद लैंसडौन द्वारा नाम परिवर्तित करने के प्रस्ताव भेजने पर लैंसडौन क्षेत्रवासियों ने विरोध जताया है।
जनसेवा मंच लैंसडौन के अध्यक्ष मनोज दास के नेतृत्व में लैंसडौन नगर वासियों ने उपजिलाधिकारी लैंसडौन के माध्यम से राष्ट्रपति को नाम परिवर्तित न करने हेतु ज्ञापन दिया। क्षेत्रवासियों ने नाम बदलने से पर्यटन नगरी लैंसडौन की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान खोने का खतरा बताया । उन्होंने कहा कि लैंसडौन नाम अपने आप मे लोकप्रिय व ऐतिहासिक है। तहसील होने के कारण यहां से निर्गत हुए तमाम प्रमाणपत्र व कागजात में नाम परिवर्तित होगा जिससे आम जनता को परेशानी होगी। सदस्यों ने उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के लैंसडौन जैसे खूबसूरत व विश्वविख्यात नाम को बदलने को क्षेत्रवासियों की जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करने की बात कही और आन्दोलन करने की बात कही। ज्ञापन प्रेषित करने वालों में जनसेवा मंच लैंसडौन के अध्यक्ष मनोज दास, राज्य आंदोलनकारी महिपाल रावत, व्यापार मण्डल लैंसडौन के उपाध्यक्ष रोशन शाह, विनोद रावत प्रधान, सलीम रहमान, संजय शाह, गंभीर रावत, कुलदीप खंडेलवाल, खुशेंद्र बिष्ट, अमन, वीरेंद्र सिंह आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने ब्रिटिशकालीन नाम बदलने की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से इस पहल को उतराखंड मे भी आगे बढ़ाया जायेगा। माना जा रहा है कि इससे उतराखंड मे छावनी क्षेत्र की कई सड़को और पर्यटक स्थलों के नाम बदले जायेंगे।