जमरानी परियोजना मे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की स्वीकृति

देहरादून। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सम्मिलित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना पर धन आबंटन हेतु जल शक्ति मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय भारत सरकार प्रेषित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सम्मिलित करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 किलोमीटर अपस्ट्रीम में गोला नदी पर जमरानी बांध (150.6 मीटर ऊंचाई) का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से 150000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा,साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है।

10 जून 2022 को जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जमरानी बांध परियोजना को पीएमकेएसवाई को 2584 करोड की निवेश स्वीकृति प्रदान की गई थी। आज  सचिव जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता एवं नीति आयोग तथा प्रमुख सचिव सिंचाई उत्तर प्रदेश की उपस्थिति मे आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में परियोजना को प्रधानमंत्री कॄषि सिंचाई योजना मे शामिल करने हेतु अनुमोदन प्रदान किया गया। परियोजना के सापेक्ष धन आवंटन हेतु जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा।

 

भाजपा ने जताया पीएम और सीएम का आभार

जमरानी बांध परियोजना मे प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सम्मिलित करने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।

भट्ट ने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सम्मिलित करने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है और इसके लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि परियोजना से 150000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा,साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस योजना से काश्तकारों को कृषि और बागवानी मे लाभ मिलेगा।

 

 

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