देहरादून। भाजपा ने एक बार फिर नये जिलों के पुनर्गठन का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकाल दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य मे कुछ नये जिलों के पुनर्गठन के संकेत दिये है। धामी ने कहा कि नये जिलों के पुनर्गठन कि मांग लम्बे समय से की जाती रही है और सरकार शीघ्र ही प्रदेश मे ऐसे जिलों की सम्भावना को लेकर जन प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी।
गौरतलब है की वर्ष 2011 मे तत्कालीन भाजपा सरकार मे मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 नये जिले बनाने की घोषणा की थी और इसका शासनादेश भी जारी किया था। इन जिलों मे कोटद्वार, यमुनोत्री, डीडीहाट तथा रानीखेत थे। दोबारा कांग्रेस की सरकार आयी तो मामला लटक गया। हालांकि इसे लेकर फिर कभी प्रबल आवाज सदन मे नही सुनाई दी। एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलों के पुनर्गठन की आवश्यकता और लोगों की मांग को आधार बताकर एक उम्मीद फिर से जगा दी है।
जिलों के पुनर्गठन से होगा सर्वांगीण विकास:चौहान
दूसरी और नये जिलों के गठन को लेकर सरकार की योजना को बेहतर और स्वागत योग्य कदम बताया है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा की सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नये जिलों के पुनर्गठन की मंशा को उन्होंने सकारात्मक और राज्य के विकास मे दूरगामी कदम बताया। उन्होंने कहा की इससे राज्य का सर्वांगीण विकास होगा। चौहान ने कहा की सीएम ने जिलों के पुनर्गठन के लिए जनप्रतिनिधियों से चर्चा की बात की है और निश्चित रूप से लम्बे समय से चली आ रही मांग मूर्त रूप लेगी।
चौहान ने कहा की भाजपा ने 2011 मे भी 4 जिलों के पुनर्गठन का शासनादेश किया था, लेकिन कांग्रेस ने इस बहु प्रतीक्षित मांग को ठंडे बस्ते मे डाल दिया था। एक बार सीएम धामी ने लोगों की वर्षों की मांग को सुनने का मन बनाकर एक बेहतरीन निर्णय लिया है।