स्वास्थ्य जागरुकता का भाव उत्पन्न करना ही स्वास्थ्य सेवा:वार्ष्णेय

गोरखपुर। आरोग्य भारती के तत्वाधान में महर्षि देवराहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया में आयोजित स्वस्थ जीवन शैली विषयक गोष्ठी में मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि स्वास्थ सेवा का विषय आने पर सामान्य व्यक्ति के मस्तिष्क में निःशुल्क चिकित्सा एवं औषधि वितरण का भाव आता हैl निसंदेह यह स्वास्थ्य सेवा है। किंतु सच्चे अर्थ मे स्वास्थ सेवा वह है, जिसको आयुर्वेद में कहा गया है स्वास्थ्य स्वास्थ्य रक्षणम। अर्थात सामान्य व्यक्तियों में स्वयं स्वस्थ रहने के लिए जागरूकता पैदा करना। उन्होंने कहा कि पूरे देश भर में आरोग्य भारती स्वस्थ जीवन शैली विषयक गोष्ठी का आयोजन करना और स्वास्थ्य प्रबोधन का कार्यक्रम विद्यालयों और गांव में किया जा रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलने वाले अन्य संगठन भी इसी पद्धति को प्रमुख मानकर कार्य करते हैं। निरोग रहने के लिए सामान्य रूप से दिनचर्या में आहार-विहार उचित आचरण का प्रमुख स्थान है। रोगों से मुक्त रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली योग ध्यान इत्यादि प्रमुख हैं। अपनी आकांक्षा है कि सामान्य व्यक्ति में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आए स्वस्थ परिवारों की संख्या में वृद्धि हो सामाजिक एवं स्वास्थ्य वर्धक वायुमंडल बने जिसका परिणाम स्वस्थ राष्ट्र के संवर्धन में होगा एवं वैश्विक हेल्थ इंडेक्स में भी वृद्धि होकर प्रभावी भूमिका में रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजेश बरनवाल  द्वारा मुख्य अतिथि को भगवत गीता की पुस्तक और तुलसी का पौधा देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव सक्सेना और डॉ शालिनी द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से आरोग्य भारती के क्षेत्र संगठन मंत्री श्रीमान गोविंद जी, आरोग्य भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ अजीत नारायण मिश्र, डॉ संजय भट्ट, डॉक्टर एच के मिश्र, जयंत नाथ, राम मनोहर शर्मा, पंकज चतुर्वेदी, निखिल दुबे, डॉ प्रकाश कुमार आदि उपस्थित रहे।

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