देहरादून। भाजपा मुख्यालय के लिए खरीदी गयी 16 बीघा जमीन को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने आ गये है। कांग्रेस ने आरोप लगाया की भाजपा ने इस जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए नियम विरुद्ध और मनमानी की है।
आज कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि चाय बागान की भूमि बेचने व खरीदने पर पूरी तरीके से रोक होने के बावजूद भी भाजपा ने 2011 में यह जमीन खरीदी और उसके बाद इसका नक्शा भी पास करवा लिया गया जो सवाल खड़े करता है कि बीजेपी सत्ता के नशे में चूर होकर नियम विरुद्ध काम कर रही है। माहरा ने कहा कि जमीन पर पहले रजिस्ट्री होना और उसके बाद अधिकारियों की टिप्पणी के बाद भी नक्शा पास हो जाना दर्शा रहा है कि बीजेपी के नेता अधिकारियों पर किस कदर दबाव बनाकर अपना कार्यालय बनवाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शपथ पत्र देकर उल्लेख किया है की उनके पास एनओसी है, लेकिन सूचना अधिकार मे मिली जानकारी मे यह सामने आया कि कोई एनओसी और शपथ पत्र नही दिया गया।
कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद:चौहान
भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद और जानकारी का अभाव बताया। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि भूमि का क्रय विधिसम्मत किया गया है। भूमि की रजिस्ट्री 30 वर्ष के अभिलेखों के अवलोकन और पारदर्शिता के बाद ही किया गया है। कांग्रेस तथ्यो की जानकारी के अभाव मे आरोप लगा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने साबित कारनामो नेशनल हेराल्ड जैसे मामले मे हो हल्ला मचा रही है और भाजपा के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप के सिवाय उसके पास कुछ नही है।