देहरादून। अवादा फाउंडेशन के तत्वाधान में आज भारत मंदिर इंटर कॉलेज में कक्षा नौ से बारहवीं के छात्रों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा अभियान की शुरुआत की गयी।
कार्यक्रम में डॉ अरुण भारद्वाज ने कहा की असफलता, सफलता का विलोम नहीं बल्कि सफलता की पहली सीढ़ी है। उन्होंने छात्रों से अपने जीवन के अनुभव साझा करते कहा कि वे भी हिंदी माध्यम के छात्र रहे हैं और किस तरह से उन्होंने एक बार अंग्रेजी न बोल पाने की वजह स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के साथ लंच करने का मौका गंवा दिया। उसी दिन उन्होंने यह दृढ़ निश्चय कर लिया था की जिस भाषा को न जानने के कारण उन्हे अपमानित होना पड़ा अब वह उसी अंग्रेज़ी के माध्यम से अपनी जीविका का निर्वहन करेंगे।
हाई स्कूल की छात्रा अंजलि जायसवाल ने सभा में प्रश्नोतर काल में कहा की उन्हें लगता था की वह हिंदी माध्यम की छात्रा है इसीलिए वे अंग्रेज़ी माध्यम कर बच्चों से कम प्रतिभाशाली हैं किंतु आज के इस कार्यक्रम के बाद अब वो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित हुई हैं।
विद्यालय के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत ने कार्यक्रम को सराहनीय और प्रेरक बताया। उन्होंने अवादा फाउंडेशन की ट्रस्टी एवं उत्तराखंड प्रभारी श्रीमती ऋतु पटवारी से इस तरह के प्रेरणादायक कार्यक्रम निरंतर आतजित करने का आग्रह किया।
निर्मल ज्ञानदीप पगरानी पब्लिक स्कूल श्यामपुर में आतजित कार्यक्रम मे डॉ अरुण भरद्वाज ने डिजिटल प्रोजेक्शन एवं प्रेरणात्मक संस्मरणों के द्वारा छात्रों को चैंपियन बनने के लिए अभिप्रेरित किया। उन्होंने माउंट एवरेस्ट का उदाहरण देते हुए बच्चों को बताया की प्रत्येक व्यक्ति में एक प्रतिभा होती है उसके अनुरूप उसको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पर्वतारोही के समान निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए एवं अपने लक्ष्य से भटकना नहीं चाहिए। सतत् प्रयास ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।
विद्यालय की छात्रा प्रेरणा चौहान ने कहा कि “मैंने अंतरराष्ट्रीय कराटे स्पर्धा में विद्यालय को कांस्य पदक जीत कर दिया। लेकिन आज के बाद अब मैं स्वर्ण पदक जीत कर दिखाऊंगी। ”
विद्यालय के अन्य छात्र छात्राओं की भी इसी तरह की प्रतिक्रिया थी। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती ललिता कृष्ण मूर्ति भी इस कार्यक्रम से काफी प्रभावित नजर आई और उनके विशेष आग्रह पर अवादा फाउंडेशन कल भी एक प्रोग्राम उनके छात्रों और एक प्रोग्राम उनके शिक्षकों के लिए आयोजित करेगा।