कोटद्वार(चन्द्रपाल सिंह चन्द)। जीएमओयू कंपनी प्रबंधन व बस मालिकों के बीच चल रही खींचतान के बाद हंगामा बढ़ता देख स्थानीय प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद दोनो पक्षों के बीच अनेक मांगो पर सहमति बनी। अब जीएमओयू प्रबंधन के चुनाव प्रशासन की देखरेख में एक माह बाद कराए जाएंगे।
उत्तराखंड की सबसे बड़ी यातायात कंपनी जीएमओयूलि प्रबंधन व बस मालिकों के बीच कुछ मांगों को लेकर खींचतान चल रही थी। इस खींचतान को लेकर अनेक बस मालिक जीएमओ बचाव समिति के बैनर तले कंपनी प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ पिछले तीन दिनों से आंदोलनरत थे। बस मालिकों ने कंपनी प्रबंधन व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल पर मनमानी व उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कंपनी मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर आंदोलन शुरू कर बसों का संचालन ठप्प कर दिया था। जिस कारण पर्वतीय क्षेत्रों को जाने वाली दर्जनों बस सेवाएं प्रभावित हुई।
आज कंपनी मुख्यालय के बाहर आंदोलित मोटर मालिकों के बीच पुलिस उपाधीक्षक विभव सैनी व उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी पहुँचे। उन्होंने आंदोलित बस मालिकों को काफी समझाने का प्रयास किया। लेकिन बस मालिक कंपनी की तानाशाही के खिलाफ अपनी बात पर अड़े रहे। बाद में उपजिलाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक ने बाजार पुलिस चौकी में गहमागहमी के बीच दोनों पक्षों के बीच मध्यस्था करते हुए मामले को शांत कराया। वार्ता में कंपनी प्रबंधन ने बस मालिकों की रद्द की गई सदस्यता बहाल करने सहित अनेक मांगो को मान लिया है।
उधर, उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी ने बताया कि कंपनी के बायलॉज के अनुसार प्रशासन की देखरेख में एक माह बाद चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न कराए जाएंगे। वार्ता में मांगे माने जाने के बाद बस मालिकों ने बसों का संचालन करना शुरू किया।
गौरतलब है कि बस मालिकों द्वारा कंपनी प्रबंधन की मनमानी के चलते तीन दिनों से बसों का संचालन ठप्प किया हुआ था। जिस कारण पर्वतीय क्षेत्रों को आने जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था।