देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी के नेताओं को ‘राहुल फोबिया’ हो गया है। बीजेपी नेताओं की बातों में विरोधाभास दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल खुले मंच पर सवालों के जवाब दे रहें हैं। राहुल गांधी के ऐसे काम को कमतर बताने के लिए ही बीजेपी और उनके सहयोगी अनर्गल बयान दे रहें हैं।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए रावत ने सरकार के कामकाज पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस रायता समेटने मे विश्वास करती है, जबकि भाजपा रायता बिखेरती है। उन्होंने कहा कि राज्य मे नदी नालों पर हुए अतिक्रमण के 75 प्रतिशत मामलों मे भाजपा दोषी है। उन्होंने तंज कसा कि उत्तराखंड में पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग खत्म हो गए हैं और दिखती है तो सिर्फ विभागीय मंत्री की पगड़ी।
रावत ने कहा कि सरकार गिराने की साजिश जैसे आरोप लगना बेहद ही गंभीर बात है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ये बताना चाहिए कि इस मामले में अब तक क्या जांच हुई? बीते दिनों गैरसैंण में हुए सत्र के दौरान सरकार को गिराने की साजिश की बात सामने आई थी। खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने 500 करोड़ से सरकार गिराने का आरोप गुप्ता बंधुओं पर लगाया था। इसकी जांच होनी ही चाहिए।
रावत ने स्पीकर के कामकाज पर भी सवाल उठाए और प्रवर समिति बनाने को चुनाव टालू समिति बताया है। उन्होंने कहा कि विधान सभा मे लंबित याचिका के निस्तारण का भी एक निश्चित समय है और जब सदन मे यह संभव न हो तो जनता को चिंतन की आवश्यकता है। पूर्व सीएम ने जल जीवन मिशन पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत पानी तो आया ही नहीं लेकिन रास्ते खोद डाले गए।
हरीश रावत ने रुद्रप्रयाग के गांवों में लगे बोर्ड को बीजेपी की शातिर हरकत बताया और कहा कि उपचुनाव से पहले बीजेपी की सोची समझी साजिश के तहत ये किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ बचाओ यात्रा के दूसरे चरण मे वह स्वास्थ्य कारणों से शिरकत नही करेंगे।