कोविशील्ड मामले मे कांग्रेस का राष्ट्रपति को ज्ञापन, भाजपा बोली एजेंडा – News Debate

कोविशील्ड मामले मे कांग्रेस का राष्ट्रपति को ज्ञापन, भाजपा बोली एजेंडा

देहरादून। कांग्रेस ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू को ज्ञापन भेज कर मांग की है कि कोविड रोधी टीके कोविशिल्ड प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि  वैक्सीन लेने से पीड़ित नागरिकों को सम्यक क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए और जो लोग टीके के कारण तमाम अवांछित बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनके उपचार की गारंटी कंपनी ले। साथ ही टीका निर्माता कंपनी को लाभ पहुंचाने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के कोष से वसूली की जाए।

जिलाधिकारी के हवाले से भेजे ज्ञापन मे कांग्रेसियों ने कहा कि देश की जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने के दोषी लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि राजनीतिक स्वार्थों के वशीभूत गंभीर आपराधिक कृत्य के लिए दोषी लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य को इस तरह के आपराधिक षड्यंत्र की पुनरावृत्ति न हो सके।

दुनिया में तमाम मीडिया रिपोर्टों के कारण कोविशिल्ड के घातक दुष्प्रभावों के मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के दोषी लोगों को कानून के शासन के तहत दंडित किया जाए। कोरोना काल में जब समूची मानवता संकट में थी, उस समय कोविड वैक्सीन को अमृत के रूप में माना जा रहा था, क्योंकि मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे थे। लेकिन आज जिस तरह से रिपोर्ट सामने आ रही हैं, उन्होंने समूची मानवता को न सिर्फ झकझोर दिया है बल्कि चिंता भी बढ़ा दी है।

ब्रिटेन के अदालत में पेश दस्तावेजों में कोविड वैक्सीन बनाने वाली एस्ट्रोजेनेका ने साइड इफेक्ट्स की बात स्वीकार कर भारतीय समाज की चिंता को अत्यंत बढ़ा दिया है। यह रिपोर्ट भारत के लिए इसलिए भी ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि भारत में कोविड-19 के प्रसार के दौरान बड़े पैमाने पर ऑक्सफोर्ड- एस्ट्रोजेनेका की इसी वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से इस्तेमाल किया गया था और इसका निर्माण पूना की सीरम इंस्टीट्यूट ने किया। भारतीय नागरिकों को सर्वाधिक टीके इसी कंपनी के लगाए गए हैं। इसलिए उक्त टीके के दुष्प्रभावों के बारे में कंपनी की स्वीकारोक्ति से जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है।
ज्ञापन में इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया गया है कि भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्रोजेनेका से हासिल लाइसेंस के तहत देश में इस वैक्सीन का उत्पादन किया था और इसे सिर्फ भारत के कोविड टीकाकरण अभियान में ही नहीं इस्तेमाल किया गया था, बल्कि दुनिया के कई देशों को भी निर्यात किया गया। एस्ट्रोजेनेका पर पीड़ित लोगों की ओर से दायर मुकदमों में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि इस टीके को लेने के बाद लोग ब्रेन डैमेज के शिकार हुए। इस कारण भारतीय समाज में भी स्वाभाविक रूप से चिंता बढ़ गई है। कोविड के बाद ऐसी मौतों की संख्या अत्यधिक बढ़ गई थी, जिनमें कारण का स्पष्ट पता नहीं चला था।

अब कंपनी ने स्वीकार किया है कि इस टीके के दुष्प्रभाव के परिणामस्वरूप शरीर में खून का थक्का जमने, थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की स्थिति बन सकती है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि टीटीएस का संबंध मस्तिष्क या अन्य भीतरी अंगों की रक्त वाहिकाओं में थक्का जमने एवं प्लेटलेट काउंट कम होने की बीमारी से है। इस स्थिति में निसंदेह कोविड रोधी टीकों ने उस समय कई मौतों को रोकने में मदद की है, फिर भी इसके साइड इफेक्ट गंभीर चिंता का विषय हैं।

ज्ञापन देने वालों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर राजीव महर्षि, पूर्व महानगर अध्यक्ष लाल चंद शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पूरन सिंह रावत, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष जसविंदर सिंह गोगी, चंद्रमोहन कंडारी, सुनील नौटियाल, संजय शर्मा, रोहित ठाकुर, प्रदेश सचिव उत्तराखंड कांग्रेस विकास नेगी, अमित मसीह सहित अन्य नेता मौजूद थे।

कोविशील्ड को लेकर कांग्रेस का दुष्प्रचार एजेंडे का हिस्सा:चौहान

देहरादून। भाजपा ने कहा कि कोरोना काल मे जीवनरक्षक वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर कांग्रेस का दुष्प्रचार एक एजेंडे का हिस्सा है और पूर्व की भाँति इस बार भी जनता कांग्रेस को जवाब देने को उत्सुक है।

पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी के द्वारा सबका साथ और सबका विकास के नारे को धरातल पर उतारे जाने से कांग्रेस विचिलित और घबरायी हुई है और अब अनैतिक और अमर्यादित आचरण कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वैक्सीन के मुद्दे पर बिना प्रमाण के राजनैतिक उद्देश्य के लिए भ्रम फैला रही है और इसे बनाने वाली कंपनी पूर्व मे इसके साइड इफेक्ट को लेकर स्पष्ट कर चुकी है कि इसके दुष्प्रभाव दुर्लभ हैं।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य उसके आरोप से ही साफ है, क्योंकि वह इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रही है तो इसके साथ इलेक्ट्राल बौंड से जोड़ रही है जो कि सरासर अवसरवादी राजनीति की ओर संकेत करती है। उन्होंने कहा कि दुनिया मे बनी सभी वैक्सीन पर साइड इफेक्ट्स को लेकर सवाल उठे, लेकिन भारत मे बनी वैक्सीन पर साइड इफेक्ट दुर्लभ पाए गए हैं। कोरोना काल मे जरूरत के वक्त इस वैक्सीन ने करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा की और देश दुनिया के वैज्ञानिकों ने शोध की जटिल तथा प्रमाणिक तौर पर इसके निर्माण को हरी झंडी दी है।

देश में कोविशिल्ड का उत्पादन करने वाली पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कोविशिल्ड के साइड इफेक्टस की जानकारी पूर्व मे दे चुकी है। कंपनी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि टीका लगवाने से थ्रोम्बोसाइटोपीनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने के साथ ब्लड क्लाटिंग (खून के थक्के बनना)की समस्या हो सकती है। लेकिन यह समस्या 1 लाख में एक से भी कम लोगों में हो सकती है। वैक्सीन के साइड इफेक्ट दुर्लभ है।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस कोरोना काल मे आम जनता को मदद पहुंचाने के बजाय धरना प्रदर्शन और आम जन से लड़ने के लिए सड़कों पर उतरी। जबकि भाजपा कार्यकर्ताओ ने सरकारी एजेंसी के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खुद को झोंक दिया। लोगों को राशन, भोजन, दवा और अस्पताल मे पीड़ितों को पहुंचाने के कार्य मे जुटे रहे। कांग्रेस बिना प्रमाणिक आधार पर तब भी वैक्सीनेशन का विरोध कर रही थी और अब चुनाव मे दुष्प्रचार कर लाभ उठाने का सपना देख रही है। भाजपा से ढाई गुना इलेक्ट्राल बौंड के जरिये धन लेने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगी दल जब इलेक्ट्राल बौंड पर भी दुष्प्रचार मे कामयाब नही हो पाए तो वैक्सीन को लेकर मैदान मे आ गए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के द्वारा दुष्प्रचार के खिलाफ जनता उसे फिर सबक सिखाने जा रही है और 4 जून को उसे दुष्प्रचार का प्रसाद ग्रहण करने को मिलेगा। नकारात्मक राजनीति और विकास मे अवरोधक बनने वाली कांग्रेस इस बार जनता के कोप का भाजन बनने से हाशिये पर होगी इसमे कोई शक नही है।

 

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