हरक की बहू अनुकृति ने कसे मोदी सरकार के कसीदे, कांग्रेस से दे चुकी है इस्तीफा – News Debate

हरक की बहू अनुकृति ने कसे मोदी सरकार के कसीदे, कांग्रेस से दे चुकी है इस्तीफा

देहरादून। लोक सभा चुनाव का शोर थमने से कुछ घंटे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हरक सिंह रावत की बहू अनुकृति रावत ने भाजपा को समर्थन और मोदी सरकार की तारीफों के कसीदे गढ़े हैं। अनुकृति रावत ईडी की जांच के घेरे मे है।

अनुकृति गुसाई कांग्रेस के टिकट पर लैंसडाउन से चुनाव लड़ चुकी है। अपनी फेस बुक पोस्ट में अनुकृति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही देश विश्व की तीसरी महाशक्ति बन सकता है। वहीं उन्होंने पौडी से भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को समर्थन दिया है और कहा कि उनके पास पहाड़ के विकास के लिए उत्कृष्ट सोच है। गढ़वाल लोकसभा सीट से उन्हें जिताकर संसद भेजने से उत्तराखंड के विकास में तेजी आएगी। पूर्व मंत्री की बहु ने सीएम धामी व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की कार्य शैली की भी तारीफ की है। अनुकृति ने कहा कि आज रामनवमी का शुभ अवसर है। 500 साल बाद पहली बार यह मौका आया है, जब भगवान राम अपना जन्मदिन टेंट में नहीं, बल्कि मंदिर में मनाएंगे। यह सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण ही संभव हो पाया है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहतर कार्य कर रहे हैं। धामी ने समान नागरिक संहिता लाकर देश में उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। मैं आप सभी से अपील करती हूं कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाये ताकि उत्तराखण्ड के विकास को गति मिले।

हालांकि कांग्रेस अपने नेताओं के भाजपा मे शिफ्ट होने के लिए उन्ह ईडी का भय दिखाने का आरोप लगातार लगाती रही है।

गौरतलब है कि ईडी जांच का सामना कर रही अनुकृति गुसाईं ने कुछ दिन पहले कांग्रेस से त्यागपत्र दे दिया था। कांग्रेस से इस्तीफे के बाद ये चर्चा थी कि अनुकृति भाजपा में शामिल हो सकती है। वहीं हरक की करीबी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा भी कांग्रेस छोड़ चुकी हैं। राणा भी ईडी के जांच के घेरे में है। पाखरो टाइगर सफारी व अन्य मामलों को लेकर ईडी पूर्व मंत्री हरक सिंह समेत करीबियों से पूछताछ कर चुकी है। पीएम मोदी के रुद्रपुर रैली के दिन ईडी ने हरक व अनुकृति से पूछताछ की तारीख टाल दी थी। इसी के बाद से उनके भाजपा में जाने या समर्थन देने की चर्चाएं तेज हो गयी थी। हरिद्वार मे सांसद प्रत्याशी के रूप मे दावेदारी कर रहे हरक अभी खामोश हैं और उन्होंने चुनाव प्रचार से भी दूरी बना रखी है।

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