बलूनी को दिल्लीवासी कहने पर भाजपा का पलटवार, कहा गोदियाल मुंबईवासी
पलायन को लेकर सुर्खियों मे आया गीत बना चुनावी तरकश का तीर
देहरादून। राज्य की चार लोक सभा सीटों मे अभी चुनावी फिजा शांत है, लेकिन पौड़ी का पारा दिनों दिन बढ़ रहा है। पलायन को लेकर सुर्खियों मे आया एक गीत आज चुनावी तरकश मे अपनी जगह बना रहा है। कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी अनिल बलूनी को रैबासी कहा है तो भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा ने इस सीट पर पूर्व मे राज्य सभा सदस्य रहे अनिल बलूनी को मैदान मे उतारा है तो कांग्रेस से पूर्व अध्यक्ष गोदियाल हैं।
भाजपा ने रेबासी मुद्दे पर कांग्रेस के हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी गोदियाल को मुंबईवासी ठहराया है । पार्टी नेता एवं पूर्व दायित्वधारी रविंद्र जुगरान ने उनके द्वारा नामांकन में दी गई जानकारी का हवाला देते हुए कहा, व्यवसाय, घर, शिक्षा, गाड़ी एवं परिवार समेत लगभग सभी जानकारियां उनके बाहरी होने का सबूत देती है और वे दूसरों पर झूठा आरोप लगा रहे हैं । 2003 में देवभूमि आने वाले मुद्दाविहीन और विचारहीन कांग्रेस उम्मीदवार, अब दूसरों को रैबासी, प्रवासी का प्रमाणपत्र बांट रहे हैं।
पत्रकार वार्ता में जुगरान ने कांग्रेस के पौड़ी प्रत्याशी गणेश गोदियाल पर नामांकन के दौरान दिए हलफनामा के आधार पर बाहरी होने का कटाक्ष किया है । उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, उनके द्वारा एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से भाजपा प्रत्याशी को लेकर झूठे एवं अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं । जबकि स्वयं गोदियाल के चुनाव आयोग को दिए गए दस्तावेज बताते हैं कि उनकी तमाम संपत्ति महाराष्ट्र में है जिनके किराया एवं अन्य आय से उनका जीवन यापन होता है। इसी तरह उनका व्यापार महाराष्ट्र में है, उनकी शिक्षा महाराष्ट्र के पुणे में हुई, उनके पास जो गाड़ियां हैं वह भी मुंबई की ही है और उनका परिवार भी वहीं रहता है। इसके अतिरिक्त जो भी इनकम टैक्स या अन्य नोटिस उन्हें मिले हैं वे सभी महाराष्ट्र में चल रहे उनके उद्योगों से संबंधित हैं । उन्होंने मीडिया के सम्मुख आयोग को दिए दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए कहा, मुंबई में पले बड़े, मुंबई में व्यवसाय करके आगे बढ़े, मुंबई में आज भी अपना जीवनयापन चला रहे इस व्यक्ति को रेबासी या प्रवासी शब्द से चिढ़ क्यों है । उनका यह भेदभाव आधारित दुष्राचार दिल्ली एवं अन्य स्थानों पर रह रहे प्रवासियों का भी सरासर अपमान है।
उन्होंने तंज किया कि जिनका 2003 से पहले तक उत्तराखंड से कोई लेना-देना नहीं था और उस समय ठीक चुनाव के समय वे यहां आए थे। हैरानी है कि वही मुंबईवासी अब यहां आने के बाद औरों को निवासी, प्रवासी होने का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस बलूनी को पैरासूट बताकर रोज हमले कर रही है। विगत दिवस पौड़ी रैली मे कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने उन्हे एक माह उत्तराखंड मे पिकनिक मनाने के लिए आने का तंज कसा। वहीं राज्य के मुद्दों पर चुप्पी साधने की बात भी कही। गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी ने खुद साबित किया है कि वह पैरासूट है और जनता से संवाद स्थापित नही कर पाए यह उनकी कमजोरी है। कांग्रेस का कहना है कि जिसका परिवार पलायन का जीता उदाहरण है तो वह पलायन कैसे रोक पायेगा? उन्होंने न कभी पहाड़ की चिंता की और न कभी पहाड़ के दुख दर्द के लिए संघर्ष।