बिना स्वीकृति के खान संचालक ने सरकारी भूमि में पोकलैंड मशीन चलाकर वन संपदा को पहुँचाया नुकसान
धड़ल्ले से खनन कर सरयू नदी पर अस्थाई बांध मलुवा डालकर खनन क्षेत्र में मलुवा सरयू नदी में गिराया
-एनजीटी, पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश को ताक मे रख रहे पट्टाधारक
बागेश्वर(गोविंद मेहता) बागेश्वर मे खनन पट्टाधारक बेखौफ नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। हालत यह है कि वन भूमि से पोकलेंड मशीन के लिए अस्थायी पुल बनाकर छोटे बड़े पेडों का पातन, मलवे को सरयू मे डालने और तमाम तरह की अनियमितताओं के बावजूद विभाग अभी जांच करने की बात कर रहे है।
मामला बागेश्वर जिला मुख्यालय से मात्र 6 किमी दूरी पर स्थित गुच्छेटी खड़िया खान मे खनन का है। तस्वीरें गवाह है कि संचालक ने सरयू नदी तट पर स्थित खनन क्षेत्र में खनन कार्य के लिए बिना विभागीय स्वीकृति के कुछ जिम्मेदारों के साथ मिलीभगत कर पोकलैंड मशीन से खुदाई कार्य कर डाली। पोकलैण्ड मशीन को स्थल तक ले जाने के लिए सरकारी भूमि में स्थित कई हरे भरे चीड़,फलदार और चारा प्रजाति के कई पेड़ो को पोकलैंड मशीन से नेश्तानाबूत कर दिया। वहीं सरयू के उपर अस्थायी पुल भी बनाया गया।
हरे भरे पेड़ो को काटकर जड़ से नष्ट करने के बाद भी जिला प्रशासन वन विभाग और खनन विभाग द्वारा वहाँ से निगाहें फेर ली गयी। वहीं खुलेआम एनजीटी, पर्यावरण एवं केंद्रीय वन मंत्रालय के आदेशों की खुलेआमधज्जियां उड़ाई गई।वही पूर्व में मामले में खनन क्षेत्र वन पंचायत क्षेत्र रेखोली के अधीन होने की बात कही जा रही है। खनन का मलुवा भी खान संचालक द्वारा सरयू नदी में डाला गया है।
वही मामले में उपजिलाधिकारी मोनिका ने बताया कि मामले में तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम द्वारा निरीक्षण कर जांच की जाएगी। किसी भी प्रकार से सरकारी और वन्य भूमि,वन पंचायत भूमि में बिना स्वीकृति के खनन कार्य हुआ होगा तो सम्बंधित के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि खनन विभाग द्वारा जांच कर भी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने नही दी क्षेत्र मे खनन की स्वीकृति
वन विभाग द्वारा कही भी वन क्षेत्र में खनन की कोई स्वीकृति नही दी गई है। मामले में वन क्षेत्राधिकारी से जांच कराई जाएगी। यदि किसी भी तरीके से अवैध खनन किया हुआ पाया गया तो जांच रिपोर्ट आने के बाद सम्बंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उमेश चन्द्र तिवाड़ी-प्रभागीय वनाधिकारी-बागेश्वर