देहरादून। भीमताल के नौकुचीयाताल क्षेत्र के जंगलों में देर रात वन कर्मियों ने एक बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू करके रानीबाग सेंटर पहुंचाया है। बाघिन नरभक्षी है अथवा सामान्य मेडिकल परीक्षण के बाद ही सामने आ सकेगा।
सोमवार को सुबह वन विभाग की रेस्क्यू टीम को खबर मिली कि नौकुचियाताल के पास जंगलिया गांव में टाइगर देखा गया है और उसने एक गाय का शिकार किया है। वन विभाग की टीम ने टाइगर द्वारा मारे हुए पशु को ऐसे स्थान पर रख दिया, जहां से रात में टाइगर पर निशाना लगाया जा सके और उसे बेहोश किया जा सके। रात 12 बजे टाइगर गाय के पास आया तभी वन विभाग की टीम ने उसे ट्रेंकुलाइज करने के लिए निशाना लगाया। डार्ट लगने के बाद भी टाइगर जंगल में नीचे की ओर भाग गया।
देर रात टीम को मुख्य मार्ग से 3 किलोमीटर नीचे टाइगर बेहोश मिला। भारी भरकम टाइगर को वन विभाग की टीम सड़क तक लायी। टाइगर होश मे न आये इस खतरे को देखते हुए उसे बीच-बीच में बेहोशी का बूस्टर डोज दिया जाता रहा। सड़क पर पहुंचकर टाइगर को पिंजरे में डालकर ट्रक से सुबह तीन बजे रानीबाग रेस्क्यू सेंटर लाया गया। वन विभाग की टीम ने टाइगर के ब्लड, स्वाब और बालों के सैंपल लिए जिसका मिलान मारी गई महिलाओं के सैंपल से कराया जाएगा। इससे यह पता चल सकेगा कि यह वही आदमखोर बाघ है अथवा नहीं।
दो महिला और बालिका सहित तीन बन चुके है आदमखोर के शिकार
भीमताल क्षेत्र मे सक्रिय आदमखोर गुलदार है अथवा बाघ अभी यह स्पष्ट नही हो पाया है।7 दिसंबर से 19 दिसंबर के बीच वन्यजीव के हमले में तीन महिलाओं की मौत हुई है। 7 और 9 दिसंबर में हमले का शिकार हुई महिलाओं की डीएनए रिपोर्ट से सामने आया था कि दोनों पर एक ही हिंसक जानवर ने हमला किया है। 7 दिसंबर को भीमताल विधानसभा क्षेत्र में मलूवाताल में 35 वर्षीय इंदिरा देवी को हिंसक जानवर ने अपना शिकार बनाया था। इसके दो दिन बाद ही पिनरो गांव की पुष्पा देवी को मार डाला। इसके 10 दिन बाद 19 दिसंबर को अलचौना गांव निवासी 19 वर्षीय निकिता शर्मा की आदमखोर का शिकार बनी।