दून अस्पताल में किशोरी की मौत पर महिला आयोग सख्त, जांच के दिये निर्देश – News Debate

दून अस्पताल में किशोरी की मौत पर महिला आयोग सख्त, जांच के दिये निर्देश

देहरादून। राजधानी देहरादून के दून अस्पताल की इमरजेंसी में नर्स के द्वारा एक किशोरी को गलत इंजेक्शन लगाने के कारण मौत के मामले में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कड़ा रुख किया है।

मामले में पीड़िता के परिजनों ने बताया कि दून अस्पताल के इमरजेंसी में बुखार के कारण समालटा, चकरोता की 18 वर्षीय निशा को भर्ती कराया गया था जिसको एक नर्स द्वारा गलती के कारण कल गलत इंजेक्शन लगा दिया। जिसके कारण किशोरी की कल ही मौत हो गयी जिस पर महिला आयोग की अध्यक्ष ने तत्काल संज्ञान लेते हुए दून अस्पताल के निदेशक को फोन पर तलब करते हुए मामले में शीघ्र कड़ी कार्यवाही के लिए कहा है।

उन्होंने कहा कि मामले में इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हो सकती है जबकि यह महानगर देहरादून का सबसे बड़ा अस्पताल है । उन्होंने लापरवाही में संलिप्त सभी कर्मचारियों को सस्पेंड करने तथा मामले में जांच कमेटी बनाकर मामले को स्पष्ट करने के निर्देश दिए है।

वही उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा है कि अस्पताल परिसर में लापरवाही से काम करने वाले कर्मचारियों को सख्ती के साथ तलब किया जाना चाहिए। क्योंकि आए दिन दून अस्पताल में ऐसे मामले सामने आते है जिनमे कर्मचारियों के द्वारा तीरामदारों व इलाज के लिए आये रोगियों के साथ सही व्यवहार नही किया जाता है। कई चिकित्सकों के द्वारा इलाज कर दौरान लापरवाही भी की जाती है ।

जिस पर दून अस्पताल के प्राचार्य व निदेशक डॉ आशुतोष सयाना ने बताया कि मामले में इमरजेंसी के 4 कर्मचारियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है व कमेटी भी गठित कर दी गयी है।

क्या है मामला

जौनसार निवासी निशा डेंगू बुखार से पीड़ित थी। अधिक बुखार के चलते उसे सहिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। युवती की प्लेटलेट्स 24 हजार तक पहुंच गई थी। इसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में लाया गया, जहां से उसे दून अस्पताल रेफर किया गया था।
परिजनों का आरोप है कि नर्स ने इंजेक्शन लगाया और तुरंत ही निशा की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। शव को वार्ड में न देख परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर शव को गायब करने का अरोप लगाया। वहीं, युवती की मौत के बाद बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए और जमकर हंगामा किया। किसी तरह से पुलिस ने स्थिति को संभाला और लोगों को शांत किया।

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