निवेश पर तकरार, कांग्रेस के धूल झोंकने के आरोप पर भाजपा का पलटवार – News Debate

निवेश पर तकरार, कांग्रेस के धूल झोंकने के आरोप पर भाजपा का पलटवार

देहरादून। राज्य मे निवेशकों को लुभाने के लिए इंवेस्टर समिट और सीएम पुष्कर सिंह धामी के विदेश दौरे मे किये गए एमओयू पर कांग्रेस के आरोपो के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा लोगों की आँखों मे धूल झोंकने की कोशिश कर रही है तो वहीं भाजपा ने कहा कि समिट कांग्रेस की आँखे खोलने वाला साबित होने वाला है।

आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि त्रिवेंद्र सरकार की तरह धामी सरकार भी दिसंबर में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट को लेकर जो बड़े बड़े दावे कर रही है वह हूबहू त्रिवेंद्र रावत की कॉपी पेस्ट है। महारा ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने भी 2018 के इन्वेस्टर समिट को रोजगार के नए अवसर सृजित करने वाला और रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने वाला बताया था। वही सब बातें अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बोल रहे हैं । त्रिवेंद्र रावत के इन्वेस्टर समिट के समय पर भी कर्टेन रेजर में 74000 करोड़ प्रस्तावित निवेश की बात कही गई थी और और इन्वेस्टर समिट की समाप्ति तक एक लाख चालीस हजार करोड़ के एमओयू साइन होने की बात कही गई ।

महारा ने कहा की धामी जी भी इन्वेस्टर समिट से पहले 12,500 करोड़ के प्रस्तावित निवेश आने की बात कर रहे हैं। महारा ने कहा कि जो लोग ढाई लाख करोड़ का निवेश प्रदेश में लाने की बात कर रहे थे वह ऊंट के मुंह में जीरा जैसा 12,500 करोड़ के प्रस्ताव पर ही खुश दिखाई पड़ रहे हैं और जगह-जगह इसे अपनी उपलब्धि बताने का काम कर रहे हैं ।
महारा ने कहा की जिस उषा कंपनी के साथ एमओयू साइन किया गया वह गाजियाबाद स्थित कंपनी है उसका इन्वेस्टमेंट लंदन से दिखाए जाने की क्या जरूरत थी,जब उषा के साथ एमओयू भारत में ही हो सकता था। उषा तो पहले से ही रोप वे के क्षेत्र में उत्तराखंड में काम कर रही है तो नया इन्वेस्टर कहा है?

महारा ने कहा की इन्वेस्टर लाने और लुभाने के लिए राज्य के हालात बेहतर होने चाहिए, जो कि वर्तमान में बदहाल स्थिति में है। महारा ने कहा कि निवेश करने वाला राज्य की कानून व्यवस्था, बिजली ,पानी ,सड़क इत्यादि सभी बातों पर गौर करने के उपरांत ही किसी राज्य में निवेश करता है।
महारा ने कहा कि आज उत्तराखंड में जिस तरह से सत्तारूढ़ दल के द्वारा सांप्रदायिक दंगे भड़काए जा रहे हैं और धार्मिक उन्माद फेलाया जा रहा है उसके मद्देनजर निवेशक यहां आने से पहले 10 बार सोचेगा। आपदा के उपरांत जिस तरह का सरकार का उदासीन रवैया रहा है वह भी निवेशक के लिए महत्वपूर्ण होगा ।महारा ने प्रदेश की बेरोजगारी दर पर भी सरकार को घेरा, महारा ने आंकड़े बताते हुए कहा कि अक्टूबर 2022 में राज्य की बेरोजगारी दर 4.01% थी जो कि आज लगभग दोगुनी होकर सितंबर 2023 में 7.8 प्रतिशत हो चुकी है।

महारा ने कहा कि 2018 का इन्वेस्टर समिट 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया था जोकि सिर्फ एक चुनावी जुमला साबित हुआ।
इस तरह से 2024 में भी लोकसभा के चुनाव हैं इसीलिए सिर्फ खाना पूर्ति के लिए दिसंबर 2023 में उत्तराखंड सरकार के द्वारा इन्वेस्टर समिट करने का आडंबर रचा जा रहा है।

 

निवेश धूल झोंकने वाला नही कांग्रेस की आँख खोलने वाला, राज्य की अर्थिकी को लगेंगे पंख: चौहान

5 साल कांग्रेस कार्यकाल मे रहा जीरो निवेश, इंवेस्टर समिट पर सवाल उठाना कांग्रेस की मजबूरी

कांग्रेस के इंवेस्टर समिट पर दिये वक्तव्य पर भाजपा ने कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि निवेश धूल झोंकने वाला नही, बल्कि कांग्रेस की आँखे खोलने वाला साबित होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य मे निवेश के लिए माहौल और परिस्थितियाँ भी बेहतर है, लेकिन कांग्रेस कार्यकाल मे घपले, घोटाले और अस्थिरता के कारण निवेशकों मे भय था और नतीजा निवेशकों की संख्या 5 साल शून्य रही।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि समिट से पहले जिस तरह से निवेशकों ने उत्तराखंड के प्रति रुझान दिखाया और एमओयू किये उससे साफ है कि धामी सरकार लक्ष्य भी हासिल करने जा रही है और सभी निवेश धरातल पर क्रियान्वित भी होंगे।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार को वर्ष 2012 के कार्यकाल का भी अवलोकन की जरूरत है। उस समय अस्थिरता, गुटीय संघर्ष, घपले घोटालों के साथ इच्छा शक्ति के अभाव से निवेश की और ध्यान नही दिया गया। नतीजा न निवेश आया और राज्य मे विकास की गति सीमित हो गयी। राज्य मे विकास और अर्थ तंत्र की मजबूती के लिए निवेश जरूरी है न कि निवेश कहाँ से हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ है कि निवेश लाना है और कांग्रेस को भी राज्य मे निवेश का स्वागत करना चाहिए, न बल्कि उस पर सवाल उठाये। हर कार्य को राजनैतिक नफ़ा नुकसान के नजरिये से नही देखा जाना चाहिए। भारत मे कार्य कर रही कम्पनी का मालिक ब्रिटेन निवासी है और वह वहाँ पर एमओयू कर रहा तो इसमे समस्या क्यों दिख रही है। आखिर निवेश तो उतराखंड मे आ रहा है, लेकिन कांग्रेस को इसमे दिक्कतें है, क्योंकि पूर्व मे वह ऐसें प्रयास नही कर पायी। जो कंपनी यहाँ पर कार्य कर रही है वह विस्तार कर रही है।

चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष के प्रदेश मे निवेश को लेकर माहौल को लेकर टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उनके बयान पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। प्रदेश मे जो नये निवेशक आ रहे हैं वह यहाँ की परिस्थिति और उपयुक्त माहौल को देखकर आ रहे है, लेकिन वह निवेश मे भी धार्मिक, कानून व्यवस्था और सांप्रदायिक दंगे की बात कर रहे है। राज्य मे अभी तक कहीं कोई धार्मिक उन्माद की दूर दूर तक स्थिति नही बनी और वह राज्य मे निवेशकों के न आने का दावा कर रहे है। एक जिम्मेदार विपक्षी दल के अध्यक्ष होने के नाते उनका ऐसा कथन गैर जिम्मेदाराना है। ऐसे मे वह राज्य की छवि खराब कर रहे है।

चौहान ने कहा कि कांग्रेस को रचनात्मक विपक्ष का निर्वहन करना चाहिए और जहाँ तक धामी सरकार के निर्णय का सवाल है तो अब तक हर घोषणा जमीन पर उतरती रही है।

 

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