देहरादून। 14 साल पहले चाचा की हत्या कर फरार हुए भतीजे को एसटीएफ ने हरियाणा से गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रकाश पंत पुत्र केशव दत्त पंत निवासी ग्राम पन्यूड़ा थाना लोहाघाट जिला चंपावत हाल निवासी जीवन नगर पार्ट 2 गोची जिला वल्लभगढ़ हरियाणा ने 10 दिसंबर 2009 को जमीन के बंटवारे विवाद में अपने चाचा दुर्गा दत्त पंत की हत्या कर दी थी। प्रकाश पंत की गिरफ्तारी को नैनीताल पुलिस ने काफी प्रयास किये थे । लेकिन वह प्रकाश पंत दिल्ली, हरियाणा, बेंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि अपनी पहचान छिपा कर व अपना नाम ओम प्रकाश रख कर रह रहा था।
वेल्डिंग के काम में कुशल होने के कारण उसे अपनी आजीविका चलाने में दिक्कत नहीं हो रही थी और उसे आसानी से काम मिल जाता था। वह समय-समय पर अपने छिपने का स्थान बदलकर वेल्डिंग की दुकानों / फैक्ट्री में काम कर रहा था।
पूछताछ में आरोपी प्रकाश पंत ने बताया कि मैं पहले से फरीदाबाद में काम वेल्डिंग फैब्रिकेशन फीटर का काम करता था। जहाँ चम्पावत में पैतृत्क जमीन थी और मेरे चाचा जो कि बिन्दुखाता लालकुंआ, नैनीताल में रहते थे। जमीन के बंटवारों को लेकर मेरे पिता व मेरे चाचा दुर्गा दत्त पंत के मध्य विवाद चल रहा था।
10 दिसंबर 2009 को मैं उस दिन दिल्ली से अपने चाचा के पास बिन्दुखाता जमीन के सम्बन्ध में बात करने आया और अपने चाचा को खूब समझाया परन्तु वह नहीं माने तो मैंने गुस्से में आकर तमंचे से उनको गोली मार दी। उसके बाद में वहाँ से फरार हो गया तथा हरियाणा, बंगलौर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि जगह पर रह रहा था। वर्ष 2016 में मैने उन्नाव, उप्र की रहने वाले एक परिवार की लडकी पूजा से शादी कर ली और मैने बल्लभगढ़ हरियाणा में वेल्डिंग की दुकान खोल ली। बीते 7 साल से वहीं रह रहा था। वहाँ मुझे सब ओम प्रकाश के नाम से जानते थे।
उसने बताया कि वर्तमान में मेरे 7 , 4 वर्ष व 2 वर्ष के तीन बेटे है । मैने अपना घर जीवन नगर गोची. बल्लभगढ, फरीदाबाद हरियाणा में बना लिया था। मैंने अपनी रिश्तेदारी में यह अफवाह फैला दी थी कि मै अब नेपाल में रह रहा हूँ। अब कभी भारत वापस नही आउँगा जिससे कि पुलिस का ध्यान मेरे से हट जाये। मेरी इस तरकीब से यह प्रभाव पड़ा कि सभी लोग मुझे नेपाल में रहना समझ कर मेरी खोजबीन नहीं कर रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री आयुष अग्रवाल ने बताया कि अभी तक 50 शातिर व खतरनाक इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। अभियुक्त की गिरफ्तारी में हे०का० अर्जुन रावत एंव का० अनिल कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।