देहरादून। प्रदेश मे भारी बारिश और भूस्खलन से आम जन जीवन के अलावा बेजुबानों के सामने भी जीवन का संकट खड़ा है। गौशाला के बहने से जहाँ दबकर या बहकर पशुओं की मौत हो रही है वहीं कई स्थानों पर उफनात नाले मवेशियों के लिए मौत बनकर खड़ी हो रही है। आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के अनुसार 7694 बेजुवान भी अब तक मानसून की तबाही की भेंट चढ़ चुके है।
जनपद पौड़ी के रिखणीखाल ब्लॉक से 10-15 किलोमीटर आगे मंज्याडी सैण के पास उफ़नाई पूर्वी नयार मे आज मवेशी फंस गए। सामाजिक कार्यकर्ता आशु जोशी ने बताया कि नदी में 11 पशु फंसे हुए हैं। लेकिन बाहर आने में असमर्थ हैं। नदी का बहाव तेज है। सभी बीच में ही खड़े हो गए। बाद मे उन्होंने इसकी सूचना आपदा कंट्रोल रूम रिखनीखाल को दी। गनीमत रही कि नदी के एक छोर पर बहाव कम हो गया और मवेशी नदी से बाहर निकल गए और मौत उन्हें छू कर निकल गयी।