कोटद्वार मे पुल टूटने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने फूँका सरकार का पुतला – News Debate

कोटद्वार मे पुल टूटने पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने फूँका सरकार का पुतला

देहरादून। कोटद्वार भाबर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले मालन नदी के पुल के बाढ़ की भेंट चढ़ने के बाद सियासी पारा चढ़ गया है। खनन को लेकर कांग्रेस भाजपा की घेरेबंदी मे जुटी है तो वहीं पुल की मरम्मत के लिए वर्तमान विधायक ऋतु खंडूरी के द्वारा एक साल से भेजे पत्रों पर कोई एक्शन न होने की बात पर अनियंत्रित नौकरशाही के मुद्दे पर हमलावर है।

पुल की मरम्मत को लेकर समय पर कोई सटीक उपाय न किये जाने और क्षेत्रीय विधायक पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व मे कांग्रेसियों ने सरकार का पुतला फुंक कर विरोध जताया।

पूर्व विधायक रावत ने कहा कि एक साल से पुल के उस हिस्से का ट्रीटमेंट नही किया गया जो जरूरी था। अब विधायक की ओर से कहा जा रहा है कि उनके पत्रों पर कार्यवाही अधिकारियों के द्वारा नही की गयी। उन्होंने इसे पूरी तरह से अधिकारियों और भाजपा के नुमाइंदों की असफलता करार दिया। रावत ने कहा कि पुल ढहने का कारण महज खनन ही नही, बल्कि अन्य तकनीकी कारण भी थे और इसे ढहने से बचाया जा सकता था। जिनके पास सबके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का दायित्व है और उनकी सुनवाई नही हो रही है तो फिर प्रदेश मे कैसा शासन चल रहा है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोग परेशान है और यह मार्ग कोटद्वार की बड़ी आबादी भावर को जोड़ती है।

सीएम से मिली विधान सभा अध्यक्ष, पुल टूटने की विजिलेंस जांच की मांग

दूसरी ओर विधायक ऋतु खंडूरी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर मामले की जांच और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की।
खंडूरी ने कहा कि पुल जो मात्र 13 वर्षों में ध्वस्त हो गया. जिसके कारण 38 वर्षीय हल्दुखाला कोटद्वार निवासी प्रसन्न मोहन डबराल की मृत्यु हो गयी। उनका 06 वर्ष का लड़का एवं 03 वर्ष की लड़की है तथा 02 अन्य व्यक्ति घायल हो गये, सबके लिये अत्यन्त ही दुःखद एवं निराशाजनक है।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा समय-समय पर स्थानीय अधिकारियों से लेकर शीर्षस्थ अधिकारियों को दूरभाष, बैठक में व्यक्तिगत रूप से तथा पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया कि कोटद्वार में मालन सुखरौ और खोह नदियों में अनियंत्रित खनन किया गया जिसके कारण इन नदियों पर बने पुलों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न होना स्वाभाविक है।  यह पुल कोटद्वार और भाबर को आपस में जोड़ता है। सिगडी-झण्डीचौड़- कलालघाटी एवं कण्वाश्रम में रह रहे हजारों परिवारों को इससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। औद्योगिक क्षेत्र की भी भारी हानि उठानी पड़ सकती है क्योंकि इस क्षेत्र की लाईफलाईन मालन पुल है। विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोटद्वार विधान सभा क्षेत्र के हजारों निवासियों सहित औद्योगिक क्षेत्र पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए सतर्कता विभाग से खनन अवधि में सम्बन्धित विभागों की उच्च स्तरीय जांच दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी करवाई  की जाय।

विधानसभा अध्यक्ष ने कोटद्वार के कलालघाटी – मवाकोट मार्ग के मध्य मालन नदी पर 300 मीटर स्पॉन डबल लेन आर०सी०सी० सेतु का निर्माण कराए जाने के बात कही । साथ ही कुंभी चौड़ स्थित बंद पड़े झूला पुल को भी ध्वस्त करने को कहा। मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष की सभी मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया। साथ ही वैकल्पिक मार्ग मवाकोट-कण्वाश्रम को कोटद्वार वासियों के आवागमन के लिए चौड़ीकरण और सुगम बनाने की मांग की।

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