देहरादून। जनपद पौड़ी के रिखणीखाल क्षेत्र मे सक्रिय दूसरे आदमखोर बाघ भी वन विभाग के पिंजरे मे कैद हो गया। दो लोगों को मौत के घाट उतारने और कई लोगों पर जानलेवा हमला करने के बाद क्षेत्र मे भय का माहौल था। इससे पहले एक बाघ को 26 अप्रैल को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया था। लेकिन उसका साथी दूसरा बाघ इस क्षेत्र में लगातार घूम रहा था।
सोमवार को वन कर्मियों की टीम बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए तैनात की गई थी। जिसके बाद देर रात गाड़ियों पुल के पास बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया गया। टीम ने उसे कॉर्बेट पार्क भेज दिया गया है।
बाघ की दहशत का असर सीधे तौर पर स्कूलों पर भी पड़ा है। स्कूलों में बच्चों को छोड़ने और ले जाने के लिए अभिभावक खुद ही लगे हुए है। ऐसे मे दूरदराज से बच्चे कम ही आवाजाही कर रहे है। डल्ला और लड्वासैंण से गाडियूंपुल के पास जूनियर हाईस्कूल में बच्चे अभी स्कूल नहीं आ रहे हैं। डला गाँव मे बाघ ने बारदात को अंजाम दिया था। उसके बाद उसकी चहलकदमी लगातार गाँव के आसपास रही। वहीं क्षेत्र मे आवाजाही कर रहे विभिन्न विभागों के कर्मी भी खौफ के साये मे रहे है। दूसरे बाघ को पकड़ने के बाद लोगों ने हल्की राहत की सांस ली है
रिटायर्ड शिक्षक और काश्तकार को बना चुका है निवाला
क्षेत्र मे सक्रिय बाघों को लेकर शुरू से असमंजस की स्थिति रही। हमलावर कितने बाघ थे, इसे लेकर शुरू से ही अलग अलग दावे रहे। लेकिन दो बाघ इसके लिए चिंहित किये गए।
13 अप्रैल की शाम को खेतों मे कार्य कर रहे 73 वर्षीय वीरेंद्र सिंह को बाघ ने निवाला बना दिया था। गाँव मे दो बाघों की मूवमेंट बनी हुई थी।
जिला प्रशासन ने पौड़ी गढ़वाल के 25 गांवों में कर्फ्यू और धारा 144 भी लगायी । हालांकि बाघ की मूवमेंट के लिहाज से लोगों के लिए खतरनाक माने जा रहे इन गाँवों मे कई दिन पहले से परिस्थितियों के अनुसार स्वघोषित कर्फ़्यू की स्थिति थी।
इसके बाद बाघ ने करीब 30 किमी दूर स्थित नैनीडांडा के सिमली तल्ली में 15 अप्रैल की रात सेवानिवृत्त शिक्षक रणवीर सिंह नेगी (75) को बाघ ने मार डाला था।