पेयजल को तरस रहे है ढाबखाल क्षेत्र के दर्जनों गाँव, कोई सुध लेने को तैयार नहीं
रिखणीखाल । (प्रभुपाल सिंह) जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल प्रखंड के ढाबखाल क्षेत्र के लगभग 15-20 गाँव ढाबखाल, घेडी, मंजुली तल्ली,मंजुली मल्ली, अन्दरसौ, पलीगाव, उनेरी,नयेडी ,सिनाला सहित कई गाँव गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। यह गाँव अन्दरसौ- पलीगाव पंपिंग योजना से जुड़े हैं और बीते कई दिनों से पड़े मोटर खराब होने से पेयजल की आपूर्ति बाधित हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा है और हर गर्मी मे लोगों को इस मुश्किल का सामना करना पड़ता है।
उत्तराखंड जल जीवन मिशन अभियान का उद्देश्य हर घर में नल से स्वच्छ पेयजल की उपलब्ध कराना था, लेकिन अब इसके उद्देश्य को लेकर सवाल खड़े हो गए है। यहाँ तक कि पानी की गुणवत्ता की जांच और निगरानी गतिविधियों में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कराना था। गाँवों में पुराने नौले, धारे व स्रोत बन्द होने की कगार पर हैं। ग्रामीण फिर भी किसी तरह कटोरी ले जाकर वहीं से दूषित पानी लाकर पीने को मजबूर हैं और गुजारा चला रहे हैं। उनके गौशाला में पालतू पशु भी पानी के लिए तरस रहे है।
ग्रामीणों का इस गर्मी में पूरा दिन पानी जमा करने व ढोने में ही व्यतीत हो रहा है। आजकल अधिकांश घरों में वृद्ध लोग ही रह गये हैं इसलिए उनके सामने समस्या अधिक है। गांवों में वृद्ध लोग व गिने चुने युवा ही रह गये हैं, जिनके बलबूते गाँवों मे आबाद हैं। जब पीने के लिए पानी नही तो गाँव में शौचालय भी शो पीस बन गए है। हर घर नल हर घर जल की ड्रीम प्रोजेक्ट योजना भी बीमार पड़ गई है।ये सिर्फ वाह-वाही कमाने का जरिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता रविन्द्र बिष्ट सहित ग्रामीणों का कहना है कि कोई उनकी सुध लेने को तैयार नही है। ग्रीष्म काल मे आगजनी की घटनाओं के बाद हिंसक जानवर भी गाँवों की ओर रुख करते है। शौचालय के लिए भी घर से दूर जाना पड़ रहा है, क्योंकि पीने के लिए पानी उपलब्ध नही। हालांकि वह मामले से ब्लॉक मुख्यालय और सम्बन्धित विभाग को अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। लोग परेशान और बेबश हैं।