श्रीदेव सुमन की जयंती पर राज्य आंदोलन की अवधारणा पर चर्चा – News Debate

श्रीदेव सुमन की जयंती पर राज्य आंदोलन की अवधारणा पर चर्चा

देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेना संघ के तत्वाधान में श्री देव सुमन जयंती को धूमधाम से मनाया गया। उत्तराखंड के महान सपूत पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में ‘उत्तराखंड आंदोलन की अवधारणा में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं संस्कृति मूल्यों के संरक्षण का सवाल’ विषय पर चर्चा की गई। इस अवसर पर युवाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रश्नोत्तरी पहेलियों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्रीदेव सुमन के पद चिन्हों पर चलने का आह्वान करने वाली नाटिकायें और संस्कृतिक गीत कार्यक्रम आयोजित किए गए।

श्रीदेव सुमन जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ श्रद्धांजलि दीप प्रज्वलन करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रुप से कु अर्चना नेगी एवं कु वैष्णवी शर्मा द्वारा किया गया।  कार्यक्रम मे अवकाश प्राप्त ब्रिगेडियर कृष्ण गोपाल बहल, अध्यात्मिक गुरु मुकुंद कृष्ण दास आंदोलनकारी, युवा नेता रघुवीर सिँह बिष्ट, श्रीमती उत्तरा पंत बहुगुणा, श्रीमती सरोजिनी नौटियाल, श्रीमती आशा नौटियाल, ‘सैनिक शिरोमणि’ मनोज ध्यानी, श्रीमती सुलोचना मेंदोला, श्री रविंद्र कुमार प्रधान, एडवोकेट मधु ध्यानी कुकसाल, निवेदिता राज, उत्तराखंड स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के मुकेश नारायण शर्मा, डॉ मुकुल शर्मा, श्रीमती वसुंधरा नेगी, श्री जितेंद्र कुमार ढढाना, श्री लक्ष्मण नेगी, श्रीमती गीता नेगी, श्रीमती रेखा शर्मा, फ्री स्माइल्स फाउंडेशन के श्री रवि त्यागी, श्रीमती मधु सेमवाल, दीपांशी कुमारी, अर्चना नेगी, वैष्णवी शर्मा, डीएवो महाविधालय के पूर्व महासचिव श्री सचिन थपलियाल आदि बडी संख्या मे युवाओं, समाजसेवियों एवं आंदोलनकारियों ने भागीदारी की।

विमर्श मे सभी वक्ताओं ने सार्थक विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम मे उत्तराखंड की लोक संस्कृति एवं इतिहास पर क्विज भी आयोजित किए गए एवं पर्चा निकालकर एकल प्रस्तुति देने का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम के अंत मे लोक गीत के साथ भारत विजय के नारे लगाए गए। सभी प्रतिभागियों हेतु प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा भी कार्यक्रम मे की गई।

वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड अवधारणा के सवालों पर चरणबद्ध श्रृंखला आयोजन का उद्देश्य यह है कि प्रदेश के सम्मानित नीतिकार, प्रबुद्ध नागरिकगण एवं आज की नवापीढ़ी “उत्तराखंड अवधारणा के सवालों” से स्वयं को आत्मसात करे एवं स्वालोकन करे कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के दो दशक से अधिक समय उपरांत हम इन सवालों पर कितने कदम बढ़े हैँ और हमें क्या कुछ नया रूपांत्रित करना होगा। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी संघ (पंजी0) का अभिमन्त्र “राज्य सेवा – राष्ट्र सेवा” है और हमारी संकल्पना है कि हम उत्तराखंड को देश के स्वर्णिम राज्यों मे शुमार करने हेतु अपना गिलहरी समान योगदान करते रहें।

 

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