देहरादून। यूकेएसएससी वन दरोगा भर्ती परीक्षा की धांधली में निचली अदालत से जमानत पर रिहा लैब टेक्नीशियन की जमानत को जिला एवं सत्र न्यायालय ने खारिज कर दी। लोअर कोर्ट में आरोपी एवं उसके अधिवक्ता द्वारा गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया था। जिला एवं सत्र न्यायाधीश देहरादून द्वारा अभियुक्त सचिन के अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई करने हेतु बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को आदेश दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली के संबंध में थाना रायपुर में पंजीकृत मुकदमें की विवेचना एसटीएफ द्वारा संपादित की जा रही है। जिसमें अब तक 05 आरोपियों की गिरफ्तारी एसटीएफ द्वारा की गई है। जिनमें से एक आरोपी सचिन कुमार पुत्र सुरेश निवासी शंकरपुरी ब्रह्मपुरी रुड़की जिसने वन दरोगा की ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में नकल माफियाओं के साथ मिलकर परीक्षार्थियों को नकल कराई गई थी, जो कि जनपद हरिद्वार में एक परीक्षा सेंटर में बतौर लैब टैक्नीशियन के रूप में तैनात था। जिस कारण से सचिन कुमार को गिरफ्तार करके एसटीएफ द्वारा न्यायालय पेश किया गया । आरोपी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में अपने बचाव में गलत तथ्य पेश करके 2 दिसंबर 2022 को लोअर कोर्ट से जमानत प्राप्त कर ली गई थी।
जिस पर एसटीएफ द्वारा ठोस पैरवी करते हुए आरोपी की जमानत के विरुद्ध जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून में अपील की गई तथा मुकदमे के संबंध में ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किए गए जिसके आधार पर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा आरोपी के विरुद्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत पाया कि सचिन के संबंध में उसके अधिवक्ता द्वारा लोअर कोर्ट में जमानत के लिए गलत तथ्यों को प्रस्तुत किया गया है। जिस कारण से जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून द्वारा दिनांक 10 अप्रैल को आरोपी की पूर्व में दी गई जमानत को खारिज कर दी गयी। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ उत्तराखंड को सचिन के अधिवक्ता के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई किए जाने हेतु आदेशित किया गया है।