देहरादून। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त किये जाने के विरोध मे प्रदेश कांग्रेस ने सभी जिला मुख्यालयों में गांधी की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह करते हुए भाजपा सरकार के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की और कार्यवाही को आजादी के आंदोलन मे भाग लेने वाले शहीद परिवारों का अपमान बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केन्द्र की मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा कि भाजपा सरकार मे आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में है और देश की आजादी में भाग लेने वाले शहीदों के परिवारों का खुलेआम अपमान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा ने देश के लिए अपनी जान नौछावर करने वाले शहीद के बेटे को अपमानित करने का काम किया है जिनके पूर्वजों ने देश के लोकतंत्र को अपने खून और पसीने से सींचा है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के कई बडबोले नेताओं एवं स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विभिन्न मौकों पर गांधी एवं नेहरू परिवार को अपमानित करने के लिए कई-कई बार बयान दिये हैं। मोदी सरकार उन सब पर कब कार्रवाही करेगी तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने किये पर कभी आत्मलोचन करेेंगे?
पूर्व मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार पर आरोल लगाते हुए कहा कि जिस तरह से केन्द्र की सरकार विपक्ष के नेताओं को चिन्हित कर डराने व धमकाने का काम कर रही हैं उससे कांग्रेस डरने वाली नही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की हरकतें कर विपक्ष की आवज को बन्द करना चाहती है। रावत ने कहा कि कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता अपने नेता श्री राहुल गांधी के साथ चट्टान की तरह खडा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नाकामियों के खिलाफ केवल राहुल गांधी है जो खुलेआम हर मंच पर उठाने का काम कर रहे हैं, इसी लिए उन्हें जानबूझकर तारगेट किया जा रहा है। उन्होंने कहा विपक्ष के नेताओं को लोकसभा में इसलिए नही बोलने दिया जा रहा है ताकि उनकी नाकामियों की पोल ना खुल जाये।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल एक राजनैतिक दल न होकर एक विचारधारा है जो अपने जन्म से लेकर अब तक के सफर में सामाजिक बुराईयों को दूर करने के लिए समय-समय पर आन्दोलनों के माध्यम से समाज एवं देश के उत्थान के लिए काम करती रही है और आज सत्ता में बैठी ताकतें देश के सर्वधर्म संभाव को कमजोर करने का प्रयास कर रही हैं।
पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि केन्द्र में सरकार नही बल्कि हिटलरशाही चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में अपना अधिकार और हक मांगने पर डराया व धमकाया जा रहा है और ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर जन भावनाओं को दबाने की कोशिश की जा रही है, जिसे कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नही करेेगी।
इस अवसर पर विधायक राजेन्द्र भण्डारी, विक्रम सिंह नेगी, पूर्व विधायक राजकुमार, मनोज रावत, उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी, महामंत्री विजय सारस्वत, महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जसविन्दर सिंह गोगीउपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, मीडिया प्रभारी पी. के. अग्रवाल, कोषाध्यक्ष आयेन्द्र शर्मा, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, उपाध्यक्ष प्रभुलाल बहुगणा, पूरन सिंह रावत, मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी, महामंत्री नवीन जोशी, मनीष नागपाल, गोदावरी थापली, राजेन्द्र शाह, हरिकृष्ण भट््ट, मोहित उनियाल, शान्ति रावत, दर्शन लाल, डॉ. बिजेन्द्र पाल सिंह, जिलाध्यक्ष लक्ष्मी अग्रवाल प्रवक्ता राजेश चमोली, शीशपाल सिंह बिष्ट, मोहित, मोहन काला, पूर्व अध्यक्ष लाल चन्द शर्मा, प्रदीप जोशी, बिरेन्द्र पोखरियाल, रोविन्द त्यागी, विनीत प्रसाद भट्ट, सुरेन्द्र रांगड़, दीप बोहरा, नीरज त्यागी, उपेन्द्र थापली, वसी जैदी, सुशील राठी, विशल मौर्या, जयेन्द्र रमोला, राकेश सिंह, अनिल नेगी, आशा टम्टा, प्रिया थापा, सुरेन्द्र रावत, जगदीश धीमान, राजकुमार जयसवाल, प्रवीन त्यागी, आनन्द त्यागी, सुन्दर सिंह पुण्डर, अमित गुप्ता, गौरव गुलेरिया, राजेन्द्र धवन, राधा देवी, अर्जुन भण्डारी, आदि सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा राहुल से डरी है, सत्याग्रह से देश मे मजबूत हुई पार्टी: महर्षि
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए रविवार को संकल्प सत्याग्रह से देशभर में पार्टी मजबूत हुई है। यह सत्याग्रह नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ,प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा सहित पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ,पूर्व अध्यक्ष विधायक प्रीतम सिंह ,गणेश गोदियाल की अगुवाई में विभिन्न स्थानों पर हुआ। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की आवाज को बन्द करने की कोशिश से देश उठ खड़ा हुआ है और इसके साथ ही भाजपा के पतन की उल्टी गिनती भी शुरू हो गई है। उत्तराखंड के कांग्रेसजनों के साथ जनता ने भी इसकी पटकथा लिख दी है।
महर्षि ने कहा कि रविवार को पूरे देश की भांति कांग्रेस के साथ उत्तराखंड की जनता ने भी अपनी राय जाहिर कर सीधा संदेश दे दिया कि लोकतंत्र को कुचलने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सिर्फ सवाल ही तो पूछा था, उन्हें लोकसभा से बेदखल करने की भाजपाई जितना प्रसन्न हो जाएं, उनकी प्रसन्नता ज्यादा देर तक टिकने वाली नहीं है।
महर्षि ने कहा कि सच यह है कि राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता को देख भाजपा डर गई है। इसी कारण वह भाजपा मनमानी पर उतर आई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर भाजपा ने दिखा दिया है कि देश में लोकतंत्र नाम की कोई चीज शेष नहीं रह गई है। राहुल गांधी संसद में अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन उनकी आवाज को दबाने के लिए लोकसभा सदस्यता रद्द करने का हथकंडा अपनाया गया जबकि अदालत ने खुद उन्हें अपील के लिए 30 दिन की मोहलत दी थी।उन्होंने कहा की राहुल गांधी ने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे इतनी जल्दी उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाए।
महर्षि ने कहा कि आज देश में महंगाई चरम सीमा पर है, लेकिन सरकार का ध्यान उसकी तरफ नहीं है। सिर्फ राहुल गांधी को टारगेट बनाया जा रहा है, क्योंकि आने वाले 2024 के चुनाव में राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा को सिंहासन छिन जाने का खतरा महसूस होने लगा था। उन्होंने कहा कि आज के संकल्प सत्याग्रह से यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस नए सिरे से संघर्ष कर अहंकारी और जनविरोधी भाजपा को उखाड़ फेंक डालेगी। जनता के मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध है।
पिछड़े वर्गों के प्रति दुराग्रह है कांग्रेस का सत्याग्रह : भट्ट
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस द्वारा अपने नेता के अंहकार को सही ठहराने के लिए किया जा रहा सत्याग्रह अनौचित्यपूर्ण है और यह समाज के पिछड़े वर्गों के प्रति उनके मन मे मौजूद दुराग्रह को दर्शाता है ।
पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने आरोप लगाया कि न्यायालय के निर्णय के खिलाफ आंदोलन साबित करता है कि कांग्रेस सत्ता में रहे या विपक्ष में संवैधानिक संस्थाओं व प्रक्रियाओं का विरोध व बदनाम करना उनके राजनैतिक चरित्र में शामिल है ।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि न्यायालय तो कांग्रेस नेता को पहले ही ओबीसी समाज के अपमान का दोषी करार दे चुका है लिहाज़ा उन्हें समर्थन में इस तरह के आंदोलन कर देश के पिछड़े समाज का और अधिक अपमानित करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरा मामला शीशे की तरह साफ है। राहुल ने एक पूरे ओबीसी समाज का अपमान किया, जिस पर पूरी प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने उन्हें दोषी मानकर सजा सुनाई और उसके बाद संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त हुई है । अब जो कुछ कांग्रेस कर रही है वह विशुद्ध राजनीति व सीधे सीधे संवैधानिक प्रक्रिया का विरोध है ।
इससे बड़ा दोहरा रवैया उसका क्या हो सकता है कि जिस संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और ‘जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951’ की धारा 8 के तहत उनकी संसद सदस्यता गयी, उसके तहत उनकी पार्टी समेत सभी पार्टियों के 32 सांसद व विधायक अब तक अपनी सदस्यता खो चुके है, लेकिन कांग्रेस ने उन पर कोई बड़ा विरोध नही किया। आज इस मामले में कॉन्ग्रेस का हंगामा स्पष्ट करता है कि उसे अन्य की सदस्यता से कोई लेना देना नही, बल्कि राजपरिवार की सदस्यता से मतलब है।
भट्ट ने तंज करते हुए कहा कि कानून के साधारण जानकार भी जानते हैं कि यह पूरी कार्रवाई संविधान सम्मत है । लेकिन मुद्दाविहीन कांग्रेस इस न्यायिक एवं संवैधानिक प्रक्रिया का सड़कों पर विरोध करने को मजबूर है । उन्होंने संविधान बचाने के नाम पर सत्याग्रह और आंदोलन को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि देश भूला नहीं है जब दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द करने वाले हाईकोर्ट के खिलाफ देश में आपातकाल लगाकर संविधान को बंधक बना लिया था । ठीक वही प्रयास आज राहुल गांधी की सजा और सदस्यता जाने के विरोध में आंदोलन चलाकर किया जा रहा है । मतलब साफ है कि सत्ता में रहे या विपक्ष में कांग्रेस का न्यायपलिका व संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर व बदनाम करना चरित्र बन गया है ।