देहरादून। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोक सभा सदस्यता समाप्त किये जाने के विरोध मे कांग्रेस और अन्य दलों की सर्वदलीय बैठक मे वक्ताओं ने भाजपा नीत सरकार पर संविधान, लोकतंत्र व विपक्ष को कुचलने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ डटकर संघर्ष की आवश्यकता पर बल दिया।
वक्ताओ ने कहा कि लोकसभा से राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने का निर्णय उनके एक पूँजीपति के देश में एकाधिकार स्थापित करने विरुद्ध उठाई गई आवाज को दबाने के उद्देश्य का कुचक्र है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों से विपक्ष के नेताओं ,बुद्धिजीवियों व असहमति की आवाज का उत्पीड़न गंभीर चिंता का विषय है। देश के सामाजिक ताने बाने ,लोकतंत्र ,सांविधानिक पर एकाधिकार के ख़तरे को बहूदलीय लोकतन्त्र के लिए गंभीर ख़तरा बताते हुए इसे एक दलीय तानाशाही की ओर देश को धकेलने की साज़िश बताया। सभा को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र कुमार ने संचालित किया।
बैठक मे सीपीएम से कामरेड सुरेंद्र सजवान , समर भंडारी, रविंद्र जग्गी सीपीआई, काशी सिंह एरी उत्तराखंड क्रांति दल, डा एस एन सचान,संजय मल्ल सपा,ट्रेड यूनियन नेता जगदीश कुकरेती ,निर्मला बिस्ट ,राष्ट्रवादी पार्टी, नवनीत गुसाईं ,जेडीएस, हरजिंदर सिंह ,तृणमूल कांग्रेस से राकेश पंत सर्वोदय आंदोलन से हरवीर कुशवाह ,विजय शुक्ला ,वीरेंद्र त्यागी ,पूर्व आईएएस एस एस पाँगती एवं विभिन्न सामाजिक संगठन से जुड़े हुए लोगों ने भागीदारी की। वक्ताओं ने कहा कि साजिश की पटकथा काफ़ी लंबे समय से लिखी जा रही थी और देश को एक दलीय तानाशाही की ओर धकेलने के रूप में देखा जा रहा है ।सांविधानिक संस्थाओं को भी बंधक बनाने व ईडी ,सीबीआई ,इनकम टैक्स के द्वारा विपक्ष पर दबाब बनाने की भी घोर निंदा की गई । विचार मंथन में यह भी तय किया गया कि भारत के संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती 14 अप्रैल पर “लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ दिवस” के रूप में मनाया जायेगा। पूर्व आईएएस एसएस पांगती तथा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने संयुक्त रूप से निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र की लोकतन्त्र ,संविधान व विपक्ष की आवाज को कुचलने की नीति की निंदा करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।