देहरादून। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोक सभा की सदस्यता समाप्त किये जाने पर कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोकतंत्र और विपक्ष की राजनैतिक हत्या का प्रयास है और कांग्रेस रणनीति के तहत इसके खिलाफ संघर्ष करेगी।
प्रदेश मुख्यालय मे पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार अपनी सामर्थ्य का दुरूपयोग कर विपक्ष को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को इसीलिए निशाने पर लिया जा रहा है, क्योंकि वह जनता की आवाज उठाते है। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा ने पंडित नेहरू के लिए बहुत कुछ कहा तो नेहरू क्या सर नेम नही हैं? नेहरू की मजाक उड़ाना लोकतंत्र की सेवा माना जा रहा है, जबकि दूसरे मामले मे नजरिया भिन्न है। उन्होंने कहा कि अडानी को लाभांवित करने के लिए पीएम पर लगाए आरोप से बौखलाकर ही राहुल गांधी पर कार्यवाही की गयी।
उन्होंने राज्य सरकार की उपलब्धियों के संबंध मे आयोजित कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। रावत ने कहा कि वेरोजगार नकल माफियाओं को ढूंढ रहे हैं और सरकार नकल कानून का ढोंग पीट रही है। स्वागत समारोह आयोजित किये है रहे है। हाकम और धारीवाल के आकाओं की तलाश की जा रही है। रावत ने कहा कि पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी को लेकर दिये वक्तव्य से स्थिति को समझा जा सकता है, लेकिन भाजपा ने अभी तक इसका जवाब नही दिया।
पूर्व अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इस सरकार मे गरीब, किसान, महिला और बेरोजगार सभी पीड़ित हैं। कांग्रेस सभी वर्गों की लड़ाई प्रमुखता से लड़ेगी। प्रेस वार्ता मे पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट और पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी भी मौजूद थे।
राहुल की सदस्यता से भाजपा की कोई भूमिका नही: भट्ट
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने मे भाजपा की कोई भूमिका नही है और अदालत के आदेश के बाद ही निर्णय प्रभावी हो गया था जो सदस्यता रद्द होने के रूप मे सामने आया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इसके लिए खुद भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि वह ओबीसी समुदाय से माफी भी मांग सकते थे, लेकिन अहंकारवश उन्होंने ऐसा नही किया। वहीं कांग्रेसी भी अहंकार के मद मे चूर होकर और राहुल के बयान को सही ठहराते रहे।
भट्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस भी यही चाहती थी कि राहुल की सदस्यता चली जाए, क्योंकि पवन खेड़ा के मामले मे वह 15 मिनट के भीतर सुप्रीम कोर्ट चली गयी, लेकिन राहुल के मामले मे चुप्पी साध कर बैठ गयी। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज का अपमान करने पर पूरी न्यायिक प्रक्रिया के बाद न्यायालय ने उन्हें दोषी मानकर सजा सुनाई और अब संवैधानिक प्रक्रिया के तहत उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त हुई है, लेकिन कांग्रेस राजनीति कर सीधे संवैधानिक प्रक्रिया का विरोध कर रही है। कांग्रेस संवैधानिक संस्थाओं को कुचलने के कारनामे पहले भी कर चुकी है। दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सदस्यता रद्द करने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय को मानने से इनकार करते हुए कांग्रेस देश को आपातकाल की अग्नि में झोंक चुकी है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा आज भी कांग्रेस में अपनी लोकतंत्र विरोधी प्रवृत्ति नहीं बदली है, यही वजह है निर्णय का विरोध करते हुए वह देशभर में प्रदर्शन और अनर्गल बयानबाजी कर रही है ।
भट्ट ने कहा कि राहुल गांधी अभी भ्रष्टाचार व मानहानि के कई अन्य मामलों में बेल पर चल रहे हैं। जहां तक सवाल है जनता का तो वह ऐसे सभी मामलों में कांग्रेस को सजा, अब तक के सभी लोकसभा व अन्य चुनावों में नकार कर दे चुकी है ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस राज्य मे विकास योजनाओं को लेकर भाजपा की उपलब्धियों को पचा नही पा रही है और नकारात्मक रवैया अपनाकर सच्चाई से मुह फेर रही है।
सरकार के एक वर्ष की उपलब्धि पर कांग्रेस के कटाक्ष पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि मे कई ऐतिहासिक कार्य हुए है। केंद्र के सहयोग से राज्य मे डेढ़ लाख करोड़ से अधिक के कार्य संचालित हो रहे है और पार्टी एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी का धेय राज्य को अग्रणी राज्य मे सुमार करना पहला लक्ष्य है।